ज़ब हम मजबूत दांतो की बात करते है तो दांतो से ज्यादा से ज्यादा अखरोट तोड़ने तक की कल्पना ही कर सकते है लेकिन मलेशिया के Velu Rathakrishnan ने 18 अक्टूबर, 2003 मे अपने दांतो से 260.8 टन भारी ट्रैन को 13 फुट 9 इंच तक खिंचा था।
Wim Hof नीदरलैंड्स के निवासी है और इन्हे The Iceman नाम भी दिया गया है क्यूंकि इन्हें बर्फ मे भी ठंड नहीं लगती। इनके नाम शॉर्ट्स मे माउंट एवरेस्ट चढ़ने का, खाली पैर 2 घंटो तक बर्फ मे मैराथन और सबसे ज्यादा समय तक बर्फ वाले पानी मे तैरने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
California के Ben Underwood जिनको सिर्फ 2 साल की उम्र मे Retinal Cancer हो गया था जिसकी वजह से उनकी आँखों की रौशनी चली गयी थी। लेकिन उन्होंने कुछ ही सालों मे खुद को ऐसा बना लिया की वे जीभ से आवाज निकाल कर आसपास रखी चीजों का बिल्कुल सही पता लगा पाते थे। इस स्किल को Echolocation कहा जाता है और Ben इसमें इतने माहिर हो गए थे कि वो दौड़ना, साइकिल चलाना, फुटबॉल और बास्केटबॉल खेलना सब कुछ आम लोगों की तरह ही कर पाते थे। Ben के डॉक्टर के अनुसार Ben दुनिया के सबसे बेहतरीन Echolocator बन गए थे।
Daniel को दुनिया का सबसे लचीला (Flexible) व्यक्ति माना जाता है। Daniel अपने शरीर को किसी भी तरह से मोड़ सकते है, इसी वजह से उन्हें The Rubberboy नाम भी दिया गया है। डॉक्टरों का मानना है Daniel को ये लचीलापन Hypermobile Ehlers–Danlos नाम के Syndrome की वजह से मिला है।
लंदन के Stephen Wiltshire के अंदर की कमाल की कला है उनकी याददाश्त और उनकी पेंटिंग, क्यूंकि वो जिस भी चीज को एक बार देख लेते है तो बाद मे उसकी बिल्कुल वैसी ही पेंटिंग बना सकते है। इस बात का उदाहरण है कि एक बार वे हेलीकोप्टर मे लंदन शहर के ऊपर से 20 मिनट के लिए उड़े थे और बाद मे उन्होंने लंदन शहर कि बिलकुल सटीक पेंटिंग बना दी।
Michigan के Liam Hoekstra को दुनिया का सबसे ताकतवर बच्चा कहा जाता है। Liam 8 महीने का होने पर ही पुलउप और पुशउप कर लेता था। 3 साल के होने तक Liam डंबेल से एक्सरसाइज कर लेता था और उसके सिक्स पैक एब्स भी बन गए थे और वह भारी सामान को भी आसानी से उठा सकता था इसीलिए Liam को Mini Hulk नाम भी दिया गया था। बाद में डॉक्टरों द्वारा Liam के शरीर को चेक करने पर पता चला कि Liam को myostatin muscle hypertrophy है जिससे ग्रसित इंसान के शरीर में फैट बहुत कम बनता है और बराबर उम्र के इंसान से 40% ज्यादा मसल बनने लगता है जिससे उसके शरीर में ताकत भी ज्यादा होती है
फ्रांस के Michel Lotito दुनिया के इकलौते ऐसे व्यक्ति है जो न पचने योग्य खाना जैसे कि रबर, शीशा, पत्थर और लोहा सब कुछ खा सकते थे। डॉक्टरों के अनुसार Lotito को Pica नाम कि दुर्लभ बीमारी थी जिसकी वजह से उनकी अंतड़िया बहुत बड़ी थी जिनसे कोई भी खाना आसानी से पेट तक जा सकता था और बीमारी की वजह से उनका पाचन रस बहुत मजबूत हो गया था जिससे वो किसी भी खाने को पचा सकते थे। Lotito धातुओं को निगलने के लिए मिनरल तेल का इस्तेमाल करते थे और उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि थी Cessna 150 प्लेन को पूरा खा जाना और इसको खाने में उन्हें 2 साल लगे थे।
प्रहलाद जानी गुजरात में जन्मे एक साधु थे और अम्बा देवी के बहुत बड़े भक्त थे। प्रहलाद जानी चर्चा में तब आये ज़ब इन्होंने दावा किया कि इन्होंने 70 सालों से न कुछ खाया है और न ही कुछ पीया है और ऐसा अजूबा वे अम्बा देवी की कृपा से कर पा रहे है। उनके इस दावे का सच पता लगाने के लिए 2003 में Dr. Sudhir और कुछ सहायक डॉक्टरों ने अहमदाबाद के Sterling Hospital में प्रहलाद जानी का टेस्ट लिया था जिसमें उन्हें 10 दिनों तक एक कमरे में CCTV की निगरानी में बंद किया गया जहाँ उन्हें खाने को कुछ नहीं दिया जाता था और पानी सिर्फ नहाने के लिए ही दिया जाता था, लेकिन हैरानी की बात ये थी की 10 दिन पुरे होने के बाद ज़ब उनका मेडिकल टेस्ट लिया गया तो वे बिल्कुल स्वस्थ थे, इसके बाद 2010 में एक बार फिरसे उनका टेस्ट लिया गया जिसमें वे दोबारा पास हो गए। 2006 में Discovery ने प्रहलाद जानी के ऊपर The Boy with Divine Powers नाम से डॉक्यूमेंट्री भी बनाई थी।
मलेशिया के Liew Thow Lin को Magnet Man, Magnetic Man और Mr. Magnet के नाम से जाना जाता है क्यूंकि इनके अंदर चुंबकीय शक्ति है जिससे ये अपने शरीर में किसी भी लोहे की चीज को चिपका सकते है। Lin 2kg के एक सामान और कुल 36kg तक के लोहे का भार अपने शरीर में चिपका सकते थे। अपने इस पावर की मदद से Lin कार को भी खींच चुके है। मलेशिया के University of Technology के वैज्ञानिकों ने ज़ब Liew Thow Lin के ऊपर रिसर्च की तो उन्होंने बताया की Lin के अंदर कोई magnetic field मौजूद नहीं है बल्कि Lin की त्वचा में फ्रिक्शन बहुत ज्यादा होने के कारण धातु की चीजें उनकी त्वचा में चिपक जाती है।
भारत की शकुंतला देवी को Human-Computer कहा जाता है क्यूंकि ये बड़े से बड़े गणित के सवालों को सिर्फ दिमाग़ में ही सोच कर कुछ सेकंण्ड्स में ही हल देती थी। इनका जन्म 4 नवंबर 1929 में बैंगलोर में हुआ था और बचपन से ही गणित में बहुत ज्यादा रूचि होने के कारण इन्होंने कम उम्र में ही पूरी दुनिया में अपना नाम प्रसिद्ध कर दिया था। 1950 में BBC में हुए एक इंटरव्यू में उनसे एक गणित का सवाल पूछा गया जिसे पहले तो गलत बताया गया पर बाद में पता चला की कंप्यूटर का जवाब गलत था लेकिन शकुंतला देवी का जबाव बिलकुल सही था। शकुंतला देवी जी को असली प्रसिद्धि 1980 में लंदन के Imperial College में मिली जहाँ इन्होंने 13 अंको के गणित को सिर्फ 28 सेकंण्ड्स में ही गुणा कर दिया था, इसी के बाद इनका नाम गिनिज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया और इन्हें Human Computer नाम दिया गया। इनके सम्मान में 2020 में Shakuntala Devi नाम से फ़िल्म भी बनाई गयी थी।
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