इस जानवर का अस्तित्व धरती पर तकरीबन 24 से 29 करोड़ वर्ष पूर्व माना जाता है। यह उस समय के सबसे विशालकाय जानवरों में से एक था, इसकी लंबाई 9 फीट और शरीर का भार 1000 किलो के करीब माना जाता है। इसके पाँव शरीर के साइड में ना होकर शरीर के नीचे होते थे जिससे कि यह बाकी रेप्टाइल्स के मुकाबले अधिक तेज़ दौड़ सकता था।
Tanyostopheus को दुनिया के सबसे पुराने रेप्टाइल्स में से एक माना जाता है। इनके शरीर छोटे पर गर्दन बहुत ही लम्बे होते थे जो इन्हें पानी से मछली पकड़ने व पेडों से पत्ते खाने में मदद करते थे।
वैज्ञानिकों के अनुसार यह हॉट ब्लड वाले रेप्टाइल्स थे जिनके शरीर पर बाल होते है थे न कि दूसरे रेप्टाइल्स की तरह चमड़ी। इनका वजन लगभग आज के शार्क्स के जितना ही माना जाता है। इनके जीवाश्म देख के अंदाज़ा लगाया गया है कि यह बहुत ही खतरनाक शिकारी हुआ करते थे
यह जीव दिखने में बहुत ही खूंखार लगते थे लेकिन यह शाकाहारी होते थे इसीलिए किसी पर हमला नहीं करते थे। इसका कारण इनकी दाँतो की बनावट थी जोकि नुकीले न होकर साधारण ही थे। इनके पैर छोटे छोटे थे जिस कारण से ये ऊंचे स्थानों पर कम ही पाये जाए थे।
इस जीव का शरीर बहुत विशालकाय था लेकिन सिर बहुत ही छोटा होता था। इनकी लंबाई 3-11 फ़ीट के बीच की मानी जाती है और वजन 300 किलो के करीब था। इसका जीवाश्म 19वीं सदी में साइंटिस्ट एडवर्ड ने उत्तरी अमेरिका में खोजा था, जिसके फॉसिल (जीवाश्म) लगभग 300 करोड़ वर्ष पुराने थे
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