बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी के एक सीनियर नेता ने पूर्व प्रधानमंत्री और पार्टी नेता शेख हसीना को लेकर बड़ा दावा किया है। हसीना के करीबी सहयोगी रब्बी आलम ने बुधवार को दावा किया कि शेख हसीना जल्द ही प्रधानमंत्री के रूप में बांग्लादेश लौट सकती हैं। इसके साथ ही उन्होंने बांग्लादेश में संकट के बीच शेख हसीना और अवामी लीग नेताओं को सुरक्षित यात्रा मार्ग देने और उन्हें शरण प्रदान करने के लिए भारत का आभार प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को स्वीकार किया।
अवामी लीग अमेरिका के उपाध्यक्ष डॉ. रब्बी आलम ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, 'शेख हसीना प्रधानमंत्री के रूप में वापस आ रही हैं। युवाओं ने गलती की है, लेकिन यह उनकी गलती नहीं है। उन्हें बरगलाया गया है।' उन्होंने पिछले साल हसीना शासन को गिराने वाले आंदोलन को आतंकवादी विद्रोह करार दिया। आलम ने कहा, 'बांग्लादेश पर हमला हो रहा है और इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संबोधित किए जाने की आवश्यकता है।'
उन्होंने कहा कि राजनीतिक आंदोलन ठीक है, लेकिन बांग्लादेश में ऐसा नहीं हो रहा है। यह एक आतंकवादी विद्रोह है। आलम ने बताया कि हमारे कई नेता भारत में शरण लिए हुए हैं। हम संरक्षण देने के लिए भारत सरकार के आभारी हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी हमारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए एक सुरक्षित यात्रा मार्ग प्रदान करने के लिए धन्यवाद देता हूं। हम भारत के लोगों के अभारी हैं।
पिछले जुलाई में हुए हिंसक आंदोलन के बाद अगस्त की शुरुआत में हसीना ने बांग्लादेश से भागकर भारत में शरण ली थी। वे बांग्लादेश सेना के विमान से 5 अगस्त की शाम को दिल्ली के पास स्थित हिंडन एयरबेस पहुंची थीं। भारत ने उन्हें आपात स्थिति में शरण देने का फैसला किया, जिसके बाद से वह दिल्ली में किसी अज्ञात स्थान पर रह रही हैं।
हसीना के देश छोड़कर जाने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ है, जिसने भारत से हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है। बांग्लादेश ने हाल ही बताया था कि भारत ने प्रत्यर्पण के अनुरोधों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रया नहीं दी है। बांग्लादेश में यूनुस सरकार ने शेख हसीना के खिलाफ सैकड़ों मुकदमे दर्ज किए हैं, जिसमें मानवता के खिलाफ अपराध के मुकदमे भी शामिल हैं।