भारतीय संगीत जगत के महान गायक मोहम्मद रफी के जीवन पर एक बायोपिक फिल्म बनने जा रही है। यह फिल्म उनके अनमोल योगदान को लेकर बनाई जाएगी, और इस प्रोजेक्ट की घोषणा उनके बेटे शाहिद रफी ने 55वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के मंच पर की। यह फिल्म न केवल रफी साहब के जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करेगी, बल्कि उनकी सबसे मशहूर और दिल छू लेने वाली धुनों को भी जीवंत करेगी।
शाहिद रफी ने जानकारी दी कि फिल्म निर्माता उमेश शुक्ला, जिन्होंने ‘ओएमजी-ओ माय गॉड!’ और ‘102 नॉट आउट’ जैसी चर्चित फिल्मों का निर्देशन किया है, के साथ इस प्रोजेक्ट पर बातचीत चल रही है। उमेश शुक्ला के साथ काम करने का फैसला रफी परिवार ने बड़ी सावधानी से किया है, क्योंकि वे समझते हैं कि इस तरह के महाकवि की कहानी को सही ढंग से परदे पर लाना बेहद महत्वपूर्ण है। शाहिद रफी ने यह भी कहा कि इस बायोपिक में मोहम्मद रफी के सबसे मशहूर गाने भी होंगे, जो उनके जीवन के साथ-साथ उनके संगीत के प्रति प्यार और समर्पण को दर्शाएंगे।
यह फिल्म मोहम्मद रफी के जीवन की कहानी को केंद्र में रखेगी, जिसमें उनकी शुरुआती जिंदगी, संघर्ष, और संगीत की दुनिया में उनके योगदान को विस्तार से दिखाया जाएगा। उनके द्वारा गाए गए एक से बढ़कर एक गाने, जैसे ‘लिखे जो खत तुझे’, ‘दर्दे दिल दर्दे जिगर’, ‘आज मौसम बड़ा बेईमान है’, ‘मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया’, ‘पर्दा है पर्दा’, ‘क्या से क्या हो गया’ और ‘मेरे राम तेरा नाम एक सांचा’ जैसे अनेकों सदाबहार गीत भी फिल्म का हिस्सा होंगे।
यह फिल्म मोहम्मद रफी के योगदान को सही तरीके से सम्मानित करने का एक प्रयास है, और शाहिद रफी ने कहा कि इस फिल्म का आधिकारिक ऐलान 24 दिसंबर, 2024 को रफी साहब के 100वें जन्मदिन के अवसर पर किया जाएगा।
गोवा फिल्म फेस्टिवल में इस घोषणा के समय, रफी साहब को श्रद्धांजलि देने के लिए कई प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं। इस खास मौके पर बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री शर्मिला टैगोर और मशहूर गायक सोनू निगम ने रफी साहब के 1967 में आए हिट गाने ‘आसमान से आया फरिश्ता’ को प्रस्तुत किया। यह गाना रफी साहब की आवाज में एक अमिट छाप छोड़ चुका है और इस विशेष मौके पर इसे गाकर श्रद्धांजलि दी गई। इसके साथ ही अनुराधा पौडवाल और फिल्म निर्माता सुभाष घई भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए और रफी साहब की यादों को ताजा किया।
इस बायोपिक के माध्यम से मोहम्मद रफी के जीवन के उन अनछुए पहलुओं को दर्शाया जाएगा, जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं। रफी साहब का संगीत भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, और उनकी आवाज आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है। इस फिल्म से न केवल उनकी महानता का सम्मान होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी उनके संगीत से परिचित कराया जाएगा।
यह बायोपिक मोहम्मद रफी के जीवन और उनके संगीत के जादू को नया आयाम देने का काम करेगी। यह फिल्म न केवल उनके फैंस के लिए बल्कि संगीत प्रेमियों के लिए भी एक विशेष तोहफा होगी, जो हमेशा रफी साहब की आवाज के जादू में खो जाते हैं।