मंगलवार, सितम्बर 26, 2023
30.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

होमEDITORIAL News in Hindiभारत में भयावह होती डायबिटीज

भारत में भयावह होती डायबिटीज

- Advertisement -

द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी में एक शोध भारत के संदर्भ में प्रकाशित हुआ है। लैंसेट की यह रिपोर्ट काफी डरावनी है, कम से कम भारत के संदर्भ में। रिपोर्ट बताती है कि भारत में 10.1 करोड़ लोग डायबिटीज  के रोगी हैं। वहीं भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय का एक सर्वे बताता है कि हमारे देश में 13.6 करोड़ लोग प्री डायबिटीज के साथ जी रहे हैं। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अनुमान व्यक्त किया था कि भारत में 7,7 करोड़ लोग डायबिटीज से ग्रसित होंगे और 2.5 करोड़ लोग प्री डायबिटिक होंगे, जो आगामी पांच साल में डायबिटीज के रोगी हो जाएंगे। यह स्थिति काफी भयावह है। इस हिसाब से देखें तो देश का हर बारहवां-तेरहवां आदमी डायबिटीज का मरीज नजर आता है। द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी शोध के मुताबिक डायबिटीज सर्वाधिक गोवा में है, जहां 26.4 प्रतिशत आबादी पीड़ित पाई गई है। इसके नंबर आता है पुडुचेरी का जहां आबादी का 26.3 प्रतिशत और केरल में 25.5 प्रतिशत लोगों में डायबिटीज है।

शोध बताता है कि डायबिटीज के मामले उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और अरुणाचल प्रदेश में तेजी से बढ़ने का खतरा है। अभी तक इन प्रांतों में इसका प्रसार कम था, लेकिन  बदलती जीवन शैली, जीवन स्तर में सुधार, शहरों की ओर पलायन, काम के अनियमित घंटे, गतिहीन आदतें, तनाव, प्रदूषण, भोजन की आदतों में बदलाव और फास्ट फूड की आसान उपलब्धता कुछ ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से भारत में डायबिटीज बढ़ रही है। यदि जीवन शैली में बदलाव नहीं किया गया, तो इसका खतरा और भी बढ़ेगा। डायबिटीज रोग के बढ़ने का एक प्रमुख कारण यह भी है कि भारत के घर अब कुछ प्रतिशत ही सही, किचनलेस होने लगे हैं।

आॅनलाइन आर्डर देने पर कुछ ही मिनटों में खाद्यान्न उपलब्ध होने की प्रवृत्ति ने खाना बनाने की झंझट से मुक्ति तो दिला दी है, लेकिन कई तरह की बीमारियों का बोनस भी दिया है। उनमें से एक है डायबिटीज। ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरी क्षेत्रों में यह महामारी का रूप ले रहा है। इससे बचाव के लिए इंग्लैंड में कुछ साल पहले कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं ने ‘टेन थाउजैंड स्टेप्स’ नामक मुहिम चलाई थी। इन एनजीओज ने लोगों से अपील की थी कि यदि डायबिटीज से बचना है, तो आपको दस हजार कदम रोज चलना होगा। इसका सकारात्मक प्रभाव भी पड़ा था। लोगों के शुगर लेवल कंट्रोल भी हुए थे।

नियमित दस हजार कदम चलने वालों की आयु में बढ़ोतरी भी हुई थी। हमारे यहां भी लोगों को पैदल चलने और खानपान सुधारने की जरूरत है। खून में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करके डायबिटीज से बचा जा सकता है। इसका एक सस्ता और सरल उपाय यह भी है कि हर आधे घंटे पर तीन मिनट चहलकदमी की जाए। इससे व्यक्ति का शुगर लेवल नियंत्रित रहता है और व्यक्ति डायबिटीज का रोगी होने से बच जाता है। जिनको डायबिटीज है, वह भी आधे घंटे के अंतराल पर तीन मिनट चलकर अपने शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं।

संजय मग्गू

- Advertisement -

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

खुशखबरी ! इस फसल की खेती पर सरकार की तरफ से पाएं लाखों की सब्सिडी, जानें कैसे करें आवेदन

सरकार द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत किसानों को मशरूम की खेती करने पर 10 लाख रुपये की सब्सिडी देने का सुनहरा मौका दिया जा रहा हैं। आइए जानते हैं, कि आप इसका लाभ कैसे उठा सकते हैं।

अलग अंदाज में नज़र आए हरियाणा मुख्यमंत्री, कार फ्री डे मुहीम में हुए शामिल

देश रोज़ाना: हरियाणा के करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक घोषणा की थी जिसमें उन्होंने करनाल को हर मंगलवार "कार फ्री डे" घोषित...

इन लोगों को गलती से भी नहीं धारण करना चाहिए Manik , मिल सकते है अशुभ परिणाम

माणिक रतन को रत्नों का राजा कहा जाता है। इसे धारण करने से मन को शांत रखने में मदद मिलती है और बुरे ख्याल नहीं आते लेकिन यह रतन पहनना हर किसी व्यक्ति के लिए शुभ नहीं होता है।

Recent Comments