कंप्यूटर की पहली प्रोग्रामर एडा लवलेस
अशोक मिश्र
हर साल आठ अक्टूबर को एडा लवलेस दिवस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में महिलाओं की उपलब्धियों को इस दिन पूरी दुनिया में याद किया जाता है। दरअसल, 1815 में इंग्लैंड के लंदन में जन्मी आॅगस्ता एडा बायरन को कंप्यूटर की पहली प्रोग्रामर माना जाता था। अंग्रेज एडा लवलेस को लेखिका और गणितज्ञ के रूप में आज भी याद किया जाता है। कहते हैं कि जब वह 12 साल की थीं, तो वह पक्षियों की तरह उड़ना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने पक्षियों पर काफी रिसर्च किया। उड़ने के लिए उन्होंने पहले पंख बनाने की प्रक्रिया शुरू की। इसके लिए उन्होंने कई तरह के प्रयोग किए। आखिरकार, उन्होंने इस प्रक्रिया में भाप का उपयोग करने का भी निश्चय किया। इस दौरान उन्हें पक्षियों और अन्य कीट पतंगों के अध्ययन से इतना ज्ञान हो गया था कि उन्होंने इसी विषय पर किताब लिखने का फैसला किया। इसी दौरान उन्हें खसरा हो गया और किताब पर लिखने का फैसला कुछ समय के लिए टालना पड़ा। खसरे से अभी वह उभर भी नहीं पाई थीं कि उन्हें लकवा मार गया और फिर वह चलने फिरने लायक ही नहीं रहीं। इस पर भी उन्होंने साहस नहीं खोया। उनकी मां ने उन्हें प्रेरणा दी कि वह गणित और लाजिक पर अपना ध्यान केंद्रित करें। वह नहीं चाहती थीं कि वह भी अपने पिता लार्ड बायरन की तरह अस्थिर मानसिकता वाली बनें। गणित की गूढ़ पहेलियों को हल करने के कारण उनकी ख्याति फैल गई। 8 जुलाई 1835 में उन्होंने किंग विलियम से विवाह किया। बाद में उनके तीन बच्चे हुए। 1838 में वह काउंटेस आॅफ लवलेस बनाई गईं। लेकिन अपने आखिरी बच्चे के जन्म के बाद वह गर्भाशय कैंसर के कारण बीमार पड़ी और 36 साल की उम्र में ही उनकी मौत होगई।
अशोक मिश्र