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सड़क दुर्घटनाओं को लेकर कब गंभीर होंगे हरियाणा के लोग?

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संजय मग्गू

कैथल में दशहरे के दिन अनियंत्रित होकर आल्टो कार नहर में गिर गई। इस कार में पांच लोगों के बैठने की जगह थी और नौ लोग बैठे हुए थे। इस हादसे में तीन महिलाओं और पांच बच्चियों सहित आठ की मौत हो गई। इसी दिन पानीपत में एलिवेटेड ब्रिज पर कार और ट्रक की टक्कर में कार सवार चार दोस्तों की मौत हो गई। एक घायल भी हो गया। प्रदेश में रोज कहीं न कहीं सड़क हादसा जरूर होता है। इन हादसों के लिए कौन जिम्मेदार है? यह सवाल शायद ही कभी उठता हो। लोग समाचार पत्र-पत्रिकाओं, न्यूज चैनलों पर हादसे की खबर पढ़-सुन लेते हैं और फिर कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है। इन हादसों को लोग सामान्य मानकर टाल देते हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं। धक्का तब लगता है, जब उनके परिजन या मित्र-रिश्तेदार किसी हादसे का शिकार होते हैं। तब कारण खोजे जाते हैं, सड़क खराब थी, कार का ब्रेक खराब था, ओवर लोड थी, ओवर स्पीड थी आदि। प्रदेश का सड़क हादसों के मामले में हालात कितने बदतर हैं, इसका पता इस बात से लगता है कि सड़क हादसों में होने वाली मौत की दर के मामले में हरियाणा देश में चौथे नंबर पर है। अगर हम साल 2022 की बात करें, तो 11875 सड़क दुर्घटनाएं प्रदेश में हुई थीं जिनमें 6424 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। साल 2022 में हुई सड़क दुर्घटनाओं में मौत की संख्या पिछले साल के मुकाबले 4.4 प्रतिशत ज्यादा थी। पूरे भारत में सड़क हादसों में मौतों की दर 5.2 प्रतिशत है, जबकि हरियाणा में यह दर 5.7 प्रतिशत है। इसका सीधा सा अर्थ है कि हरियाणा के लोग अन्य राज्यों की अपेक्षा ज्यादा लापरवाही से वाहन चलाते हैं। हरियाणा के आंकड़ों से पता चलता है कि दुर्घटना में होने वाली मौतों में ज्यादातर मौतें पैदल चलने वालों और दोपहिया वाहन सवारों की हुईं। हरियाणा में सबसे ज्यादा हादसे राजमार्गों पर ही होते हैं। पिछले साल राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगभग 3,600 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 2,924 लोगों की जान चली गई और राज्य राजमार्गों पर 1,942 दुर्घटनाओं में 922 लोग मारे गए। एक्सप्रेसवे पर 127 दुर्घटनाएं हुईं और 107 लोगों की मौत हुई। केंद्र और प्रदेश सरकार सभी तरह की सड़कों पर हादसों को कम से कम करने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए बाकायदा प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। तमाम संचार माध्यमों से लोगों को सड़कों पर सुरक्षित चलने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, लेकिन लोग इसके बावजूद लापरवाही करते हैं। यह सच है कि कुछ जगहों पर सड़कों की दशा इन हादसों के लिए जिम्मेदार हो सकती है, लेकिन शराब पीकर गाड़ी चलाना, ओवर स्पीड चलना कितना जायज है? लोग कोई हादसा होने पर सबसे पहले सरकार को कोसने लगते हैं, लेकिन वह यह नहीं देखते हैं कि वे इन हादसों के लिए कितने जिम्मेदार हैैं।

संजय मग्गू

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