क्या ट्रम्प और मोदी के याराना ने बचाया अडानी को ?
अमेरिका में भी बेक़सूर कैसे साबित हुए भारत गौतम अडानी ?
साथियों स्वागत है आपका हमारी इस ब्रेकिंग खबर में आज कल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में दुनिया में क्या हो रहा है ये जानने के लिए लोगों के पास समय की काफी कमी है लेकिन आज की इस खबर में आपको ये जानना बेहद जरुरी है की आखिर अमेरिका ने भारत के किस बड़े व्यापारी पर आरोप लगाए। हालांकि इस वक्त की ब्रेकिंग ये है की ये व्यापारी बेक़सूर है।
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी , जी हाँ बात कर रहे है अडानी ग्रुप के चेयर मन गौतम अडानी की जो इन दिनों काफी सुर्ख़ियों में है। चर्चा में बने रहने की वजह भी आपका बताएंगे लेकिन उससे पहले आपको बता दें की अडानी ग्रुप पर भारत में भी कुछ आरोप लगे हैं लेकिन जैसे तैसे उन आरापों से भी अडानी ग्रुप को निजात मिल सकी है , लेकिन इस बार तोह हद ही हो गई।
गौतम अडानी पर अमेरिका के कुछ वकीलों ने सबूतों के साथ गौतम अडानी पर आरोप लगाएं इन आरोपों से गौतम अडानी पर एक बार फिर से एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया इन्ही सवालों की वजह से गौतम अडानी सुर्ख़ियों में चल रहे है। लेकिन जिस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे होंगे तोह शायद ही उस देश के व्यापारी को फसाया जा सकेगा। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं की प्रधान मंत्री के विदेशें दौरे भारत के काम जरूर आते हैं। लेकिन भारत के काम या सिर्फ अडानी के ? ये एक जनरल सवाल जिसका जवाब आप कमेंट करके जरूर दें।
बता दें, अमेरिका के सरकारी के वकील की एक टीम ने गौतम अडानी पर यु अस इन्वेस्टर को धोका देने के आरोप लगाए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने अडानी पर आरोप लगाया की अडानी ने भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी है जिसकी वजह से अमेरिका के इन्वेस्टर की इन्वेस्टमेंट पर भी खतरा हो सकता है। इसी वजह से अडानी पर आरोप लगाएं गए। इसके बाद अडानी ग्रुप ने अपनी सफाई पेश करते हुए ये भी बताया की अभी तक वो गिलटी साबित नहीं हुए है।
हिंडन बर्ग की एक रिपोर्ट आपको जरूर बताएंगे , इस रिपोर्ट ने हिंडेनबर्ग ने ये कहा था की अडानी गोप के स्टॉक की वैल्यूएशन में कुछ घपला जिसके बाद सबको लगा की इस खबर के बाद अडानी गोप को नुकसान होगा लेकिन स्टॉक्स पर ज़्यादा असर नहीं पड़ा मगर कुछ जिआवत देखने को मिली और ये इशारो इशारो में हिंडेनबर्ग ने ट्वीट करके कह दिया था की कुछ बड़ा होने वाला है भारत में लेकिन फिर भी अडानी ग्रुप जैसे तैसे टिका रहा और ज़्यादा नुकसान नहीं हुआ लेकिन अब इस रिपोर्ट के बाद भी अडानी ग्रुप अभी भी मार्किट में पहचान बनाए हुए है।
अडानी ग्रुप पर भारत के विपक्ष नेता राहुल गाँधी ने भी आरोप लगाए की अडानी ने २००० करोड़ की रिशवत सरकारी अधिकारियों दी है। लेकिन इन सभी आरोपों के बाद भी इस वक्त सबसे बड़ी खबर सामने आई है की अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी एक बार फिर से सभी आरोपों से निजात पा चुके है।
Adani Green Energy की ओर से बड़ा बयान आय़ा है. इसमें कहा गया है कि रिश्वतखोरी के आरोपों से जुड़ी खबरें निराधार और गलत हैं. रिश्वतखोरी के आरोपों से घिरी अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि तीनों पर एफसीपीए उल्लंघन का आरोप लगाने वाली रिपोर्ट गलत हैं। उन पर ऐसे अपराधों का आरोप लगाया गया है, जो मौद्रिक जुर्माना या सजा के साथ दंडनीय हैं। गौतम अदाणी, सागर अदाणी और विनीत जैन पर यूएस डीओजे के अभियोग या यूएस एसईसी की सिविल शिकायत में निर्धारित एफसीपीए के किसी भी उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया है।