8वें सेंट्रल पे की सिफारिशों को लागू करने का बजट आवंटन न होने कर्मचारी नाराज
7-8 फरवरी को देश भर में जिला मुख्यालयों पर होंगे धरने प्रदर्शन: सुभाष लांबा
फरीदाबाद,1 फरवरी।
राज्य कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन ने बजट में केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा कर्मचारियों की प्रमुख मांगों की अनदेखी करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। फेडरेशन ने इसके खिलाफ 7-8 फरवरी को देश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरने प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बजट में 8वें सेंट्रल पे कमीशन की सिफारिशों को लागू करने के लिए कोई राशि का आवंटन नहीं किया गया है। इससे साफ है कि उक्त कमीशन की सिफारिशों को जनवरी,2026 से लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी के साथ ही कर्मचारियों की प्रमुख मांग पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली,कोविड 19 में फ्रिज किए 18 महीने के डीए / डीआर रिलीज करने, आउटसोर्स, ठेका संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को नियमित करने,खाली पड़े पदों को नियमित भर्ती से भरने व नेशनल मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के तहत पीएसयू के निजीकरण पर रोक लगाने आदि मांगों को संबोधित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि बजट में पेंशनर्स की 65, 70 व 75 वर्ष आयु में बेसिक पेंशन में पांच प्रतिशत बढ़ोतरी करने और कम्युटेशन राशि को 15 की बजाय 12 साल में रिकवर करने की मांग को भी संबोधित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि आयकर में अवश्य कुछ आंशिक राहत प्रदान की गई है। वित्त मंत्री ने एक तरफ 12 लाख रुपए तक की आय कर-मुक्त करने की घोषणा की और अगले की वाक्य में 4-8 लाख इनकम पर 5 प्रतिशत और 8-12 लाख इनकम पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाने की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा बजट में निजीकरण की नीतियों पर रोक लगाने की मांग की अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि यह बजट निजीकरण की नीतियों को बढ़ावा देने वाला ही है।
बजट में पुरानी पेंशन बहाली व डीए डीआर रिलीज करने की मांग की भी अनदेखी
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