पलवल शुगर मिल के पूर्व डायरेक्टर व किसान नेता सुखराम डागर ने प्रैस के माध्यम से बताया कि पलवल शुगर के क्षेत्र मे मध्यम किस्म का गन्ना पैदा करने वाले किसानों के साथ अन्याय हो रहा है।
अगेती किस्म का पेडी (रटून )गन्ना लगभग पूरा मिल मे पहुंच चुका है लेकिन मिल के गन्ना विभाग के अधिकारी व कर्मचारी स्टेंडिंग सर्वे के लिए गांवों में गन्ना खेतों पर जाते ही नही है ।जिसका फायदा उठाकर कुछ लोग नौंदा ,(प्लांट) गन्ने की स्पलाई मिल को कर रहे हैं जबकि मध्यम किस्म का पेडी गन्ना किसानों का खेतों में खडा है। मिल के एम.डी को धरातल पर गन्ने के बारे मे जानकारी नहीं है।यदि प्रबंधक निदेशक महोदय गन्ना विभाग के अधिकारियों से अगेती किस्म नोंदा गन्ना बिजाई के सर्वे को लेकर अब स्टेंडिंग सर्वे कराकर मिलान करे तो गन्ना विभाग का सारा चिट्ठा खुल जायेगा।समय से पहले नोंदा गन्ना मिल मे जाने से चीनी की रिकवरी कम आती हैं ।डागर ने कहा कि मिल के किसी एक गन्ना विभाग के अधिकारी से अगेती किस्म के पौधा (नोंदा) गन्ना का का सर्वे करवा कर रिपोर्ट ली जाये ।
सर्किल न.4 के गन्ना किसानों मे इस घाल मेल को लेकर भारी रोष व्याप्त है।क्योकि इस क्षेत्र में मध्यम किस्म का पेडी गन्ना अधिक है, जिसकी खरीद पर्ची मिल ने अभी तक शुरू नहीं की है। जबकि मिल के पिराई सीजन के शुरुआत से ही अगेती व मध्यम किस्म के पेडी गन्ना को अनुपात के हिसाब से खरीदना चाहिए ।यदि अगेती किस्म के नोंदा गन्ना की स्पलाई मिल मे नहीं रोकी गई तो इसकी शिकायत हरियाणा शुगर फैडरेशन पंचकुला से कर जांच कराई जायेगी।