Friday, February 7, 2025
10.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiधर्म लाभ कमाने के इच्छुक बुजुर्गों को महाकुंभ भेजेगी सैनी सरकार

धर्म लाभ कमाने के इच्छुक बुजुर्गों को महाकुंभ भेजेगी सैनी सरकार

Google News
Google News

- Advertisement -


संजय मग्गू
हमारे देश में तीर्थाटन और पर्यटन की परंपरा बहुत पुरानी रही है। जीवन को चार आश्रमों में बांटकर जीने ऐसी व्यवस्था शायद ही दुनिया के किसी दूसरे देश में रही हो। संपूर्ण जीवन को सौ वर्षों का मानकर ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और आखिरी में संन्यास आश्रम की व्यवस्था निर्धारित की गई। मनुष्य वानप्रस्थ आश्रम तक आते-आते अपने जीवन के सभी दायित्वों से मुक्त हो जाता है। उसका मन पारिवारिक और सांसारिक कामों से हटने लगता है। वह अपना घर-बार, कारोबार अपने पुत्र या योग्य उत्तराधिकारी को सौंपकर निश्चिंत हो जाता है। फिर वह अपनी सहचरी के साथ निकल पड़ता था तीर्थाटन या पर्यटन पर। देश भर के तीर्थस्थलों और मंदिरों की ओर। प्राचीनकाल में कुछ लोग तीर्थाटन पर निकलने से पहले अपनी तेरहवीं संस्कार तक कर जाते थे क्योंकि आवागमन के संसाधन कम होने से यह मान लेते थे कि अब उनका वापस लौटना नामुमकिन है। कब, कहां और किन परिस्थितियों में मौत हो जाए, कोई नहीं जानता था। लेकिन आज सुविधाएं और आवागमन के इतने संसाधन उपलब्ध हैं कि किसी भी उम्र में तीर्थाटन और पर्यटन किया जा सकता है। हर छह साल में लगने वाला अर्ध कुंभ और बारह साल पर लगने वाला कुंभ मेला तीर्थाटन और पर्यटन का सबसे प्राचीन आयोजन है। इन दिनों प्रयागराज में कुंभ मेला चल रहा है। दुनिया भर से श्रद्धालु गंगा स्नान और कल्पवास के लिए तीर्थराज प्रयाग आ रहे हैं। अब तक करोड़ों लोग स्नान कर चुके हैं। सैनी सरकार ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत प्रदेश के गरीब बुजुर्गों को महाकुंभ में भेजने का फैसला किया है। प्रदेश सरकार पहले से ही अयोध्या में राम मंदिर में दर्शन करने के लिए बुजुर्गों को भेज रही थी। अब इस योजना में कुंभ दर्शन को भी शामिल कर लिया गया है। वैष्णो देवी और शिरडी साईं तीर्थ स्थल पहले से ही इस योजना में शामिल थे। प्रदेश सरकार की यह योजना उन गरीब बुजुर्गों के लिए काफी लाभदायक है जो महाकुंभ में आध्यात्मिक लाभ के लिए जाना तो चाहते थे, लेकिन अर्थाभाव के चलते मन मसोसकर रह जा रहे थे। जीवन के अंतिम पड़ाव पर यदि कोई तीर्थ स्थलों, मंदिरों के दर्शन की व्यवस्था कर दे, तो जीवन सफल हो जाने जैसा महसूस होता है। सैनी सरकार की इस योजना के अंतर्गत आने वाले पात्र बुजुर्गों को एक भी पैसा नहीं खर्च करना होगा। उनके गंगा स्नान से लेकर खाने-पीने की व्यवस्था सरकार करेगी। बुजुर्गों के सामने कहीं आने जाने पर सबसे बड़ी दिक्कत देखभाल और सुरक्षा की होती है। सैनी सरकार प्रयागराज जाने वाले बुजुर्गों का सभी तरह का ख्याल रखेगी। प्रयागराज में गंगा स्नान करके आध्यात्मिक लाभ उठाने के इच्छुक बुजुर्गों के लिए यह सुनहरा मौका है।

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

Recent Comments