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गंभीर जल संकट की ओर बढ़ता हरियाणा, होना होगा सचेत

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संजय मग्गू
हरियाणा के 19 जिलों का भूगर्भ जलस्तर घटता जा रहा है। प्रदेश के 19 जिलों के 88 ब्लॉकों को पानी के अत्यधिक दोहन की श्रेणी में रखा गया है। बाकी बचे ब्लाकों में से 11 क्रिटिकल श्रेणी में हैं, नौ ब्लॉक सेमी क्रिटिकल में हैं। इनमें से केवल 35 ब्लाक ही सुरक्षित श्रेणी में हैं।  इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरा प्रदेश किस स्तर के जलसंकट से जूझ रहा है। गर्मी के दिनों में हालात बदतर हो जाते हैं। लोगों को पीने के पानी की व्यवस्था करने के लिए टैंकर माफिया का सहारा लेना पड़ता है। लोग हजार-पांच सौ रुपये में पानी का टैंकर निजी तौर पर मंगवाते हैं। प्रदेश के कई जिलों में स्थानीय कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते टैंकर माफिया लोगों को खूब लूटते हैं। मनमानी करते हैं। विरोध करने पर पानी देने से भी मना कर देते हैं। यही वजह है कि अत्यधिक जल दोहन को रोकने के लिए हरियाणा वॉटर रिसोर्स अथारिटी (एचडब्ल्यूआरए) ने अब भूजल इस्तेमाल करने वालों के लिए नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य कर दिया है। प्रदेश में हो यह रहा है कि लोग घरों में सबमर्सिबल पंप लगाकर खूब जल दोहन कर रहे हैं। लोग कार धोने का कारोबार करते हैं और बिना कोई परमिशन लिए पानी का उपयोग करते हैं। फैक्ट्रियों, ढाबों, कार्यालयों और घरों में पानी का अबाध उपयोग किया जाता है। अब तो हर मोहल्ले में आरओ का पानी बेचने के नाम पर खूब पानी बरबाद किया जाता है। इसके लिए स्थानीय निकायों से कोई इजाजत भी नहीं ली जाती है। इस मामले में नगर निगम भी बेखबर रहता है। कुछ जगहों पर नगर निगम कर्मचारियों से पानी का भरपूर दोहन करने वाले लोग साठगांठ कर लेते हैं। उद्योगों में भी पानी की अच्छी खासी पानी की खपत होती है। उद्योग चलाने वाले बिना किसी से अनुमति लिए बोरिंग करा लेते हैं और पानी का भरपूर दोहन करते हैं। प्रदेश के लगभग सभी शहरों में होटल, ढाबा संचालक, दुकान आदि में बिना इजाजत सबमर्सिबल या ट्यूबवेल लगा हुआ पाया जा सकता है। इनकी वजह से  भूगर्भ जलस्तर लगातार नीचे जा रही है और हालत बदतर होती जा रही है। लेकिन अब हरियाणा वॉटर रिसोर्स अथारिटी ने नोटिफिकेशन जारी किया है कि अब किसी भी स्तर पर बिना अनुमति के भूजल दोहन नहीं किया जा सकता है। यदि किसी कारणवश भूजल निकालने की जरूरत पड़ती है, तो उसके लिए हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की ओर से एचडब्ल्यूआरए से आॅनलाइन इजाजत लेनी होगी। यदि प्रदेश में हो रहे भूगर्भ जल दोहन को सख्ती से नहीं रोका गया, तो निकट भविष्य में प्रदेश में जल को लेकर जो हाहाकार मचेगा, उसकी कल्पना करके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। बंूद-बूंद पानी के लिए लोगों को तरसना होगा। तो अभी समय है, हमें अनियमित जल दोहन से सचेत होना होगा।

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