देश रोज़ाना: दिवाली का त्यौहार हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बच्चे, बड़े सब इस दिन का इंतज़ार करते है। लेकिन क्या आप जानते है कि दिवाली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है। इस आर्टिकल में आज हम बात करेंगे दिवाली से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों की।
हिंदू धर्म में प्रख्यात ग्रंथ महाभारत में यह बताया गया है कि कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को पांडव 13 वर्षों का वनवास पूरा कर अपने घर लौटे थे। बता दें कि कौरवों ने उन्हें शतरंज में हराकर 13 वर्षों तक वनवास का दंड दिया था। जब पांडव वापस अपने घर लौट कर आए थे तब उनके घर आगमन की खुशी में नगरवासियों ने दीपोत्सव के साथ उनका स्वागत किया था। मान्यता है कि तब से ही दिवाली पर्व मनाया जाता है।
शास्त्रों में इस बात का भी वर्णन मिलता है कि जब नरकासुर नामक राक्षस ने तीनों लोकों में अपने आतंक से हाहाकार मचा दिया था। तब सभी देवी-देवता व ऋषि मुनि उसके अत्याचार से परेशान हो गए थे। तब भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। इसी विजय के उपलक्ष में 2 दिन तक खुशियां मनाई गई थी। जिसे नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली और दिवाली के रूप में जाना जाता है।
दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन का महत्व माना जाता है कि लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन आता है और सुख समृद्धि बनी रहती है। इस दिन गणेश कार्तिक की पूजा भी की जाती है। शुभ और लाभ का इस दिन विशेष महत्व रखते है। दीवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है। जिसके बाद बड़ी दिवाली मनाई जाती है। जिसके बाद गोवर्धन की पूजा की जाती है।