महाराष्ट्र (Maharashtra) में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने सोमवार को राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। सरकार ने कार्यभार संभालने के पांच दिन बाद तीन दिवसीय विशेष सत्र के अंतिम दिन यह प्रक्रिया पूरी की। शिवसेना विधायक उदय सामंत और अन्य द्वारा पेश किए गए इस प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित किया गया।
विश्वास मत और बहुमत की स्थिति
फडणवीस सरकार को 288 सदस्यीय विधानसभा में 230 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना, और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन को स्पष्ट बहुमत होने के कारण विश्वास मत पास करना महज औपचारिकता थी।
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने घोषणा की कि प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र (Maharashtra) विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से नागपुर में शुरू होगा और इसके 21 दिसंबर तक चलने की संभावना है।
शिवसेना (यूबीटी) का बहिष्कार
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने राज्यपाल (Maharashtra) के अभिभाषण और विश्वास मत प्रक्रिया का बहिष्कार किया। पार्टी ने यह कदम महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के खिलाफ विरोध स्वरूप उठाया। आदित्य ठाकरे सहित शिवसेना (यूबीटी) के कई नेता विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित रहे।
विशेष सत्र के दौरान राहुल नार्वेकर को निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुना गया। यह दूसरी बार है जब नार्वेकर इस पद पर आसीन हुए हैं। फडणवीस ने नार्वेकर की नियुक्ति को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि उनकी कानूनी विशेषज्ञता और अनुभव ने उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाया है।
राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने विधानमंडल को संबोधित करते हुए सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 1.53 लाख रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें 78,309 पद अब तक भरे जा चुके हैं।
राज्यपाल ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना का उल्लेख किया, जिसके तहत 2.34 करोड़ महिलाओं को ₹1,500 मासिक सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में देश में शीर्ष पर है और राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में योगदान 14% से अधिक है।
फडणवीस और उनके डिप्टी मुख्यमंत्री अजित पवार तथा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने बहुमत सिद्ध कर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। विश्वास मत के साथ ही महायुति सरकार ने महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिरता की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है।