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एनसीईआरटी की किताबों में अब “इंडिया नहीं, भारत” पैनल के प्रस्ताव को मिली मंजूरी

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एनसीईआरटी की किताबों में एक नया ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिलने वाला है,दरअसल अब छात्रों को किताबों में इंडिया की जगह भारत शब्द पढ़ाया जाएगा। एनसीईआरटी पैनल ने सभी पाठ्य पुस्तकों में इंडिया का नाम बदलकर भारत करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया है।

पैनल के सदस्यों में से एक सीआईजेक ने कहा कि एनसीईआरटी किताबों के एप्लीकेट में इंडियन नाम बदलकर भारत कर दिया जाएगा,कुछ महीने पहले ही यह प्रस्ताव दिया गया था,जिसे अब मंजूरी मिल गई है। समिति ने पाठ्य पुस्तकों में हिंदू विक्‍ट्रीज को उजागर करने की भी सिफारिश की है।

तो वहीं समिति ने पाठ्य पुस्तकों में एशियंट हिस्ट्री की जगह पर क्लासिकल हिस्ट्री को शामिल करने की भी बात की। इतिहास को प्राचीन मध्यकालीन और आधुनिक में विभाजित नहीं किया जाएगा क्योंकि इससे यह मालूम होता है कि भारत एक पुराना और ब्रिटिश साम्राज्यवाद से अनजान राष्ट्र है।

अब सभी विषयों के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली यानी इंडियन नॉलेज सिस्टम की शुरुआत भी इस बदलाव का हिस्सा होगी। आपको बता दे कि यह समिति उन 25 समितियों में से एक है जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुताबिक पाठ्यक्रम को बदलने के लिए केंद्रीय स्तर पर एनसीईआरटी के साथ काम कर रही है हालांकि फिलहाल नई किताबों का आना बाकी है।

 दरअसल एनसीईआरटी पैनल की सिफारिश उस वक्त की गई जब सियासी गलियारों में इंडिया नाम को बदलकर भारत रखने पर चर्चाएं जोरों पर है। सितंबर में जब जी-20 का आयोजन हुआ उस दौरान भारत के राष्ट्रपति के नाम से भेजे गए निमणत्रण पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की बजाय प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया था तब भी यह विषय चर्चा में आया था।

इंडिया का नाम भारत होना चाहिए या नहीं इस बहस के बीच आपको बताते हैं कि भारत का संविधान क्या कहता है संविधान अनुच्छेद एक (1) में हमारे देश का नाम इंडिया यानी भारत जो कि राज्यों का एक संघ होगा कहा गया है।

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