Friday, October 11, 2024
32.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiकुछ वर्तमान विधायकों के टिकट काट सकती हैं भाजपा और कांग्रेस

कुछ वर्तमान विधायकों के टिकट काट सकती हैं भाजपा और कांग्रेस

Google News
Google News

- Advertisement -

चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख उम्मीद से पहले घोषित करके राजनीतिक दलों को अपनी रणनीति बदलने पर मजूबर कर दिया है। भाजपा, कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दल जहां इस उम्मीद में थे कि पंद्रह सितंबर के आसपास विधानसभा चुनाव तारीख घोषित होगी। यही वजह है कि सबने उसी हिसाब से अपने-अपने चुनावी कार्यक्रम तय कर रखे थे। प्रत्याशियों के चुनाव का भी काम उसी हिसाब से चल रहा था। अब जब चुनाव की तिथि घोषित हो गई है, तो राजनीतिक दलों ने अपनी चुनावी कसरत तेज कर दी है। भाजपा तीसरी बार जहां सरकार बनने के दावे के साथ चुनाव मैदान में उतरने जा रही है, वहीं कांग्रेस इस बार सत्ता पाने का ख्वाब संजोए हुए हैं।

कांग्रेस को सत्ता विरोधी लहर से काफी उम्मीद है। भाजपा भी इस मामले को लेकर काफी सतर्क है। इस बार भाजपा अपने उन दो दर्जन से अधिक विधायकों को टिकट देने के मूड में नहीं है जिनके बारे में उसकी रिपोर्ट ठीक नहीं है। जनता की राय जिन विधायकों के बारे में सही नहीं है, उन दो दर्जन से अधिक विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। नए चेहरों को उतराने का फायदा यह हो सकता है कि मतदाताओं का आक्रोश भाजपा के प्रति कम हो सकता है। चुनाव में कम समय होने से भाजपा अपने उम्मीदवारों की घोषणा जल्दी कर सकती है ताकि उन्हें चुनाव प्रचार के लिए भरपूर समय मिल सके। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा से दूर रहने वाला आरएसएस इस बार भाजपा प्रत्याशियों की मदद के लिए मैदान में उतरेगा। 

भाजपा और आरएसएस नेताओं की फरीदाबाद में हुई दो दिन की बैठक में तमाम रणनीतियों पर विचार विमर्श किया जा चुका है। वहीं कांग्रेस ने अपनी चुनावी तैयारियां पूरी कर ली है। लोकसभा चुनाव की तर्ज पर विधान सभा चुनावों में भी आंतरिक सर्वे कराने के बाद ही उम्मीदवारों को टिकट देने के मूड में है। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी प्रदेश के उम्मीदवारों की सूची फाइनल करेंगे। यह भी संभव है कि पिछले दो चुनावों में हारे या अपनी जमानत जब्त करवाने वाले नेताओं को इस बार टिकट ही न मिले।

सोशल इंजीनियरिंग का अगर कांग्रेस ने ध्यान रखा तो हो सकता है कि कुछ वर्तमान विधायकों को भी टिकट से महरूम किया जा सकता है। राजनीतिक हलके में चर्चा है कि कांग्रेस आरक्षित 17 सीटों को छोड़कर बाकी सीटों पर भी पिछड़ावर्ग बी और बीसीए के अंतर्गत आने वाली जातियों को भी टिकट दे सकती है। ब्राह्मण, पंजाबी, वैश्य और राजपूतों को ठीक-ठाक मात्रा में टिकट मिल सकता है। जजपा, आप और इनेलो का बहुत ज्यादा प्रभाव प्रदेश में इस बार दिखाई नहीं दे रहा है।

-संजय मग्गू

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

HR BJP: नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 15 अक्टूबर को संभावित

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (HR BJP: ) की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 15 अक्टूबर को पंचकूला में होने की संभावना है।...

अमिताभ बच्चन: बॉलीवुड के जादूगर और उनके प्रेम प्रसंग

अमिताभ बच्चन बॉलीवुड के बादशाह जिनका जन्म 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद यूपी में साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन जी के घर में हुआ। उनका...

Gold-Silver Price: सोना 350 रुपये गिरकर 77,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, गुरुवार को स्थानीय आभूषण विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की कमजोर मांग के चलते राष्ट्रीय राजधानी में सोने का...

Recent Comments