बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती(BSP Mayawati: ) ने सोमवार को स्पष्ट रूप से कहा कि सक्रिय राजनीति से उनका संन्यास लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता। यह बयान बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की लखनऊ में होने वाली बैठक से एक दिन पहले आया, जिसमें मीडिया में यह अटकलें चल रही थीं कि मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद का कद बढ़ा सकती हैं और शायद वह खुद राजनीति से संन्यास ले सकती हैं।
BSP Mayawati: ‘बसपा के आत्म-सम्मान को समर्पित रहने का फैसला अटल’
मायावती ने इन अटकलों का खंडन करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने आधिकारिक खाते से पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि बहुजनों के अम्बेडकरवादी कारवां को कमजोर करने की विरोधियों की साजिशों को विफल करने और बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर एवं कांशीराम जी की तरह ही मेरी जिंदगी की आखिरी सांस तक बसपा के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान आंदोलन को समर्पित रहने का फैसला अटल है।
जातिवादी मीडिया ऐसी फर्जी खबरें प्रचारित कर रहा: मायावती
मायावती ने अपनी पोस्ट में आगे स्पष्ट किया कि सक्रिय राजनीति से मेरा संन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। जबसे पार्टी ने आकाश आनंद को मेरे ना रहने पर या अस्वस्थता की स्थिति में बसपा के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है, तबसे जातिवादी मीडिया ऐसी फर्जी खबरें प्रचारित कर रहा है जिससे लोग सावधान रहें। मायावती ने यह भी कहा कि पहले भी उनके बारे में ऐसी अफवाहें उड़ी थीं कि उन्हें राष्ट्रपति बनाया जा सकता है, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। उन्होंने बताया कि कांशीराम जी ने भी ऐसी पेशकश को ठुकरा दिया था, यह कहते हुए कि राष्ट्रपति बनने का मतलब है सक्रिय राजनीति से सन्यास लेना, जो पार्टी हित में उन्हें स्वीकार्य नहीं था। इसी कारण मायावती के लिए भी यह स्वीकारना संभव नहीं है।
‘झूठ और अफवाहों से सावधान रहें’
मायावती का यह बयान उनके समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश था, जिसमें उन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और सक्रिय राजनीति में बने रहने के अपने संकल्प को दोहराया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह बसपा के नेतृत्व को मजबूती से संभालने और पार्टी के स्वाभिमान आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। इसके साथ ही, उन्होंने अपने विरोधियों और मीडिया को भी कड़ी चेतावनी दी कि वे उनके खिलाफ फैलाए जा रहे झूठ और अफवाहों से सावधान रहें।इस बयान के साथ मायावती ने न केवल अपने संन्यास की अटकलों पर विराम लगाया बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि बसपा का नेतृत्व उनके हाथों में पूरी मजबूती से बना रहेगा, और पार्टी के उत्तराधिकारी के रूप में आकाश आनंद की भूमिका भविष्य में महत्वपूर्ण होगी।