हरियाणा लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच एक बात साफ तौर पर सामने आई है कि इस बार दलबदलुओं को कांग्रेस में बहुत ज्यादा मौका नहीं मिलने वाला है। गुरुवार को दिल्ली में आलाकमान के साथ हुई बैठक में इस बात का फैसला किया गया है कि संकट के दौर में जिन्होंने कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ा, कांग्रेस की नीतियों पर अमल करते रहे, जहां भी मौका आया, वे अपने कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाते रहे, उन कांग्रेसी नेताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट देते समय वरीयता दी जाएगी। अगर सच कहें तो कांग्रेस की यह एक अच्छी नीति है।
जिन लोगों ने संकट के समय भी पार्टी का झंडा उठाए रखा, उनका यह हक बनता है कि जब पार्टी कुछ देने लायक हुई है, तो वह उनकी उस निष्ठा का मान रखे। उनको बिना मांगे टिकट देकर उनकी ईमानदारी और पार्टी के प्रति निष्ठा का सम्मान करे। वैसे भी किसी दूसरी पार्टी से आए हुए नेता को जब कोई पार्टी अपने निष्ठावान नेताओं की अनदेखी करके कोई महत्वपूर्ण पद देती है, तो इससे निष्ठावान नेताओं और कार्यकर्ताओं के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती है। वे फिर असंतुष्ट होकर या तो निष्क्रिय हो जाते हैं या फिर दूसरे दल में चले जाते हैं। गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस नेताओं और हाईकमान के बीच दिल्ली में हुई बैठक में जो बात देखने को मिली, वह यह थी कि भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला बहुत आत्मीयता से बातचीत करते दिखाई दिए। इस आत्मीयता या सद्भावना के पीछे कारण क्या है, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है, लेकिन यदि इनकी
आपसी समझ की वजह से ऐसा हुआ है, तो यह कांग्रेस के लिए सुखद संकेत है। बैठक में यह भी फैसला हुआ कि कांग्रेस आलाकमान जिस प्रत्याशी को फाइनल कर देगा, प्रदेश इकाई उसको उसी रूप में स्वीकार करेगी और जी जान लगाकर जिताने की कोशिश करेगी। आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेता को टिकट न देने का फैसला भी स्वागतयोग्य है। लोकसभा चुनाव के ही मुताबिक विधानसभा चुनाव में पहले नेताओं के बारे में सर्वे कराया जाएगा और फिर सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों के टिकट फाइनल किए जाएंगे।
कांग्रेस इस बार युवाओं और महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा अवसर देने के मूड में है। यदि सचमुच कांग्रेस ने युवाओं और महिलाओं को प्राथमिकता दी, तो प्रदेश में उसकी सरकार बनने की संभावना कुछ बढ़ जाएगी। युवाओं को मौका देने से प्रदेश कांग्रेस में नई पीढ़ी को आगे आने का मौका मिलेगा, एक नई खेप तैयार होगी। पार्टी नेतृत्व में भी दूसरी लेयर तैयार होगी जो आगे चलकर पार्टी को नेतृत्व प्रदान कर सकते हैं। महिलाओं को ज्यादा मौका देने से प्रदेश की आधी आबादी का सहयोग और समर्थन हासिल होगा।
-संजय मग्गू