केंद्र सरकार के कर्मियों और पेंशनरों के लिए 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) (Dearness Allowance) और महंगाई राहत (डीआर) की बढ़ोतरी का काउंटडाउन शुरू हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बढ़ोतरी का प्रपोजल तैयार किया जा चुका है और इसे अब केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। यदि मंजूरी मिल जाती है, तो सरकारी कर्मियों और पेंशनरों को नवंबर की सैलरी में बढ़ी हुई दरों का लाभ मिल सकता है। ऐसे में दीवाली से पहले महंगाई भत्ते और राहत में वृद्धि की घोषणा की जा सकती है।
पिछले वर्ष की तुलना में Dearness Allowance में नई वृद्धि
पिछले वर्ष, केंद्रीय कैबिनेट ने 18 अक्टूबर को महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) और राहत की अतिरिक्त किस्त जारी करने की मंजूरी दी थी। मौजूदा समय में 50 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है, और यदि 4 प्रतिशत की वृद्धि होती है, तो यह दर 54 प्रतिशत हो जाएगी। पिछले वर्ष, 28 सितंबर को डीए की दर में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी, और सरकार ने इसी तरह की घोषणा दशहरे के आसपास की थी।
Dearness Allowance में देरी से केंद्रीय कर्मचारियों में असंतोष
एक प्रतिष्ठित वेबसाइट अमर उजाला की खबर के मुताबिक कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने कहा है कि पहले सितंबर में ही डीए (Dearness Allowance) की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की जाती थी, जिसके बाद अक्टूबर के पहले सप्ताह में तीन महीने का बकाया भुगतान किया जाता था। इस बार की देरी से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में गहरा असंतोष है। यादव ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर इन भत्तों को जल्द जारी करने का अनुरोध किया है।
इस फैसले के क्या हैं मायने
यादव ने बताया कि सरकार अक्सर महंगाई भत्ते की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा में देरी करती है, जिससे सरकार को आर्थिक लाभ होता है। इस अवधि के दौरान, सरकार का पैसा निवेश होता है और इस पर अच्छा ब्याज मिलता है। महंगाई भत्ते में हुई बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त भार पड़ता है, और इसलिए सरकार इस प्रकार की घोषणाओं में देरी करती है। यह खबर केंद्र सरकार के कर्मियों और पेंशनरों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें उनकी वित्तीय स्थिति पर असर पड़ सकता है। अब सभी की नजरें केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी पर टिकी हैं।