शनिवार को देशभर के चिकित्सा पेशेवरों ने कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के विरोध में 24 घंटे की हड़ताल(Doctors Strike: ) शुरू की। यह हड़ताल सुबह 6 बजे से शुरू हुई और रविवार सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी। भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) के अनुसार, हड़ताल के दौरान आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी गैर-आपातकालीन सेवाएं बंद रहेंगी। इनमें वैकल्पिक चिकित्सा प्रक्रियाएं और बाह्य रोगी परामर्श सेवाएं शामिल हैं, जिससे बड़ी संख्या में मरीजों को असुविधा हो सकती है।
Doctors Strike: चिकित्सा पेशेवरों में गहरा आक्रोश
पिछले सप्ताह कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना ने देशभर के चिकित्सा पेशेवरों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। इस घटना की तुलना 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड से की जा रही है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। घटना के बाद डॉक्टरों और महिलाओं के समूहों ने सख्त कानूनों की मांग की है, जो महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा को रोकने में प्रभावी हो सकें।
रेजिडेंट डॉक्टर लगातार 36 घंटे से ड्यूटी पर थी
IMA के प्रमुख डॉ. आरवी अशोकन ने सभी अस्पतालों को हवाई अड्डों की तरह सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने की मांग की है ताकि डॉक्टर बिना किसी डर के अपना काम कर सकें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा को रोकने के लिए एक केंद्रीय कानून होना चाहिए। IMA ने पीड़िता के परिवार को उचित मुआवजा देने और दोषियों के खिलाफ समयबद्ध तरीके से सख्त कार्रवाई की मांग की है। अशोकन ने बताया कि घटना में जान गंवाने वाली रेजिडेंट डॉक्टर लगातार 36 घंटे से ड्यूटी पर थी, जो कि बेहद अमानवीय है। उन्होंने कहा, “यह न तो मरीजों के लिए अच्छा है और न ही डॉक्टरों के लिए।”
छह घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज होगी
केंद्र सरकार ने भी नए आदेश जारी किए हैं, जिसमें मेडिकल संस्थानों को कहा गया है कि हेल्थकेयर वर्कर पर हमले के छह घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज करानी होगी। इसके अलावा, IMA ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार से मांग की है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और आवश्यक कदम उठाएं।