हरियाणा विधानसभा चुनाव(Haryana Election: ) के लिए राजनीतिक समीकरणों में नया मोड़ आ सकता है। इनेलो और बसपा के गठबंधन के बाद अब चर्चा है कि दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जजपा) अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) और चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (एएसपी) के साथ गठबंधन में शामिल हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, इन तीनों पार्टियों के बीच पहले भी बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब पिछले दो-तीन दिनों से इस पर फिर से गंभीर चर्चा हो रही है।
Haryana Election: 2019 में हुआ था आप और जजपा का गठबंधन
2019 के लोकसभा चुनाव में जजपा और आप का गठबंधन हुआ था, लेकिन चुनाव परिणाम निराशाजनक रहे। दुष्यंत चौटाला ने हिसार लोकसभा सीट पर दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि अन्य सीटों पर गठबंधन के उम्मीदवार जमानत भी नहीं बचा पाए। इसके बाद भी जजपा और आप के बीच गठबंधन की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। जजपा ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीती थीं और भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार में शामिल हो गई थी।
30:30 सीट पर समझौता हो सकता है
वहीं, आप ने हरियाणा में विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे कोई खास सफलता नहीं मिली। आजाद समाज पार्टी की बात करें तो चंद्रशेखर आजाद की भीम आर्मी का हरियाणा में अच्छा संगठनात्मक ढांचा तैयार है, लेकिन वह चुनाव मैदान में पहली बार उतर रही है। चर्चा यह भी है कि तीनों दल लगभग 30-30 विधानसभा सीटों पर समझौते के साथ चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।
दुष्यंत चौटाला ने क्या कहा
दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ गठजोड़ के संकेत दिए हैं, लेकिन साथ ही यह स्पष्ट किया कि यदि आम आदमी पार्टी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (आईएनडीआइए) का हिस्सा बनी रही और कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ेगी, तो जजपा उसका साथ नहीं देगी। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि फिलहाल उनकी पार्टी की किसी भी दल से गठबंधन को लेकर कोई आधिकारिक बातचीत नहीं हुई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आम आदमी पार्टी आईएनडीआइए से अलग नहीं होगी और इस प्रकार जजपा और आप के गठजोड़ की संभावना बनी रहेगी। जजपा की ओर से गठबंधन की पहल करने के लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदारी उठानी होगी।