Friday, October 11, 2024
29.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeIndiaLateral Entry: लेटरल एंट्री पर यू-टर्न, यूपीएससी ने भर्ती विज्ञापन रद्द किया

Lateral Entry: लेटरल एंट्री पर यू-टर्न, यूपीएससी ने भर्ती विज्ञापन रद्द किया

Google News
Google News

- Advertisement -

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने केंद्र सरकार के अनुरोध पर मंगलवार को नौकरशाही में लेटरल एंट्री (Lateral Entry: ) के माध्यम से भर्ती के लिए जारी अपने नवीनतम विज्ञापन को रद्द कर दिया। यह निर्णय विपक्षी दलों द्वारा उठाई गई आपत्तियों के बाद लिया गया, जिनमें आरोप लगाया गया था कि इस प्रकार की भर्ती से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।

Lateral Entry: क्या है लेटरल एंट्री

यूपीएससी ने 17 अगस्त को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में संयुक्त सचिव, निदेशक, और उप सचिव स्तर के 45 पदों पर लेटरल एंट्री के माध्यम से भर्ती की जानी थी। यह प्रक्रिया ऐसे विशेषज्ञों को सीधे इन पदों पर नियुक्ति के लिए की जाती है, जो आमतौर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों के लिए आरक्षित होते हैं। इस व्यवस्था के तहत निजी क्षेत्रों के विशेषज्ञों को भी इन उच्च पदों पर नियुक्त किया जाता है।

आखिर आलोचना क्यों

हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की। उनका तर्क था कि लेटरल एंट्री के माध्यम से नियुक्तियों से आरक्षण व्यवस्था का उल्लंघन होता है, जिससे कमजोर वर्गों को सरकारी सेवाओं में उनके अधिकारों का नुकसान हो सकता है। इस आलोचना के बीच, केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग की अध्यक्ष प्रीति सूदन को पत्र लिखकर इस विज्ञापन को रद्द करने का अनुरोध किया, ताकि कमजोर वर्गों को सरकारी सेवाओं में उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।

लेटरल एंट्री में आरक्षण लागू होगा

यूपीएससी ने एक निरस्तीकरण नोटिस जारी कर कहा कि यह सभी संबंधित पक्षों की जानकारी के लिए है कि रोजगार समाचार, विभिन्न समाचार पत्रों और आयोग की वेबसाइट पर 17 अगस्त, 2024 को प्रकाशित विभिन्न विभागों में संयुक्त सचिव/निदेशक/उप सचिव स्तर के 45 पदों के लिए लेटरल एंट्री से संबंधित विज्ञापन को अपेक्षित प्राधिकारी के अनुरोध पर रद्द कर दिया गया है।  सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने लेटरल एंट्री के माध्यम से नियुक्तियों में आरक्षण के सिद्धांत को लागू करने का निर्णय लिया है। वैष्णव ने कहा कि इस निर्णय के माध्यम से सामाजिक न्याय को और अधिक सुनिश्चित किया जा सकेगा, जो संविधान निर्माता डॉ. बी.आर. आंबेडकर के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का एक और प्रमाण है।

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

दुबई से भारत भेजी गई 773 किलो कोकीन: इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट का खुलासा

दुबई से बड़ी मात्रा में कोकीन भारत में एक कंपनी के माध्यम से भेजी गई है, जिसकी पहचान हो चुकी है। दिल्ली पुलिस की...

Nobel Prize 2024: मानव जीवन की नाजुकता को शब्द देने वालीं हान कांग को साहित्य का नोबेल पुरस्कार

साहित्य के क्षेत्र में 2024 के नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) की घोषणा कर दी गई है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के अनुसार, इस...

AAP HR SANJAY: संजय सिंह का दावा,17 बागियों ने हराया कांग्रेस को

हरियाणा विधानसभा चुनाव(AAP HR SANJAY: ) परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए, आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने कांग्रेस की हार के...

Recent Comments