संगम की (MAHAKUMBH 2025:)पावन रेत पर विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ सोमवार से स्नान पर्व के साथ आरंभ हो रहा है। मेला प्रशासन ने तैयारियों का दावा किया है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी की शिकायतें भी सामने आई हैं।
संगम(MAHAKUMBH 2025:) तट पर पहली बार पानी के नीचे निगरानी के लिए अंडरवॉटर ड्रोन लगाए गए हैं। 700 झंडे लगी नावों पर पीएसी, एनडीआरएफ, और एसडीआरएफ के जवान तैनात हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए गोताखोर भी मौजूद हैं। संगम घाट और नदी के बीच कई चेंजिंग रूम बनाए गए हैं, और नाविकों को लाइफ जैकेट उपलब्ध कराए गए हैं।महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा, जिसमें पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, और बसंत पंचमी जैसे प्रमुख स्नान पर्व हैं। नागा साधुओं के शिविर, विशेष रूप से जूना अखाड़ा और पायलट बाबा के शिविर, आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। विदेशी अतिथि भी इन शिविरों में पहुंच रहे हैं।
कल्पवासियों और कई अन्य शिविरों में पानी और शौचालय जैसी सुविधाओं की कमी की शिकायतें हैं। सेक्टर 6 और 17 को जोड़ने वाले पीपे के पुल का काम अधूरा है। कई क्षेत्रों में चकर्ड प्लेट पूरी तरह जुड़ी नहीं हैं, जिससे यातायात बाधित हो रहा है।हालांकि कई क्षेत्रों में व्यवस्थाएं संतोषजनक हैं, लेकिन मेला देर से बसा है, जिसके कारण समस्याएं स्वाभाविक बताई जा रही हैं। प्रशासन को बचे हुए कार्यों को शीघ्र पूरा करने की जरूरत है।