मलयालम सिनेमा(Malayalam Film Industry: ) की एक प्रमुख अभिनेत्री ने सोमवार को चार प्रतिष्ठित अभिनेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए, जिसमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायक एम. मुकेश भी शामिल हैं। इन आरोपों से पहले से ही न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट के बाद महिलाओं के उत्पीड़न को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे मलयालम फिल्म उद्योग में नई खलबली मच गई है।
Malayalam Film Industry: विधायक ने नहीं दी है आरोपों पर प्रतिक्रिया
अभिनेत्री ने समाचार चैनलों को दिए अपने साक्षात्कारों में एम. मुकेश पर आरोप लगाए, जिसके तुरंत बाद युवा मोर्चा और महिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कोल्लम में मुकेश के आवास की ओर मार्च निकाला। उन्होंने मुकेश के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और उनसे विधायक पद से इस्तीफा देने की मांग की। हालांकि, कोल्लम के विधायक मुकेश ने अभी तक इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
Malayalam Film Industry:अभिनेता मणियांपिल्ला राजू ने विस्तृत जांच की मांग की
अभिनेत्री ने मलयालम फिल्म उद्योग के तीन अन्य प्रतिष्ठित अभिनेताओं के खिलाफ भी यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए अभिनेता मणियांपिल्ला राजू ने पूरे फिल्म उद्योग में हो रहे यौन उत्पीड़न के आरोपों की विस्तृत जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कई और खुलासे हो सकते हैं, और इसमें विभिन्न हित शामिल हो सकते हैं। राजू ने यह भी कहा कि आरोपियों में निर्दोष और दोषी दोनों हो सकते हैं, इसलिए जांच आवश्यक है।
कल यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते फिल्म निर्माता रंजीत ने इस्तीफा दे दिया था
इससे एक दिन पहले, मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते फिल्म निर्माता रंजीत ने केरल चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि अभिनेता सिद्दीक ने ‘एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स’ (एएमएमए) के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था।
2017 में हेमा समिति की रिपोर्ट में खुलासा
महिला कलाकारों के यौन उत्पीड़न के आरोपों के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की। बैठक के बाद, उन्होंने इन आरोपों की जांच के लिए एक सात सदस्यीय विशेष बल के गठन की घोषणा की। गौरतलब है कि वर्ष 2017 में एक अभिनेत्री पर हमले के बाद केरल सरकार द्वारा गठित न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा किया गया था, जिसके बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।