प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM MODI CHESS: ) ने अपने निवास पर ओलंपियाड स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय शतरंज टीमों की मेजबानी की और कृत्रिम मेधा (एआई) और भारत को खेलों की महाशक्ति बनाने की महत्वाकांक्षा पर चर्चा की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से टूर्नामेंट के दौरान उनके मानसिकता को समझने का प्रयास किया।
PM MODI CHESS: ओलंपियाड स्वर्ण पदक जीतने वाली टीमों ने PM के साथ अनुभव साझा किए
बुधवार शाम को हुई इस चर्चा में पहली बार ओलंपियाड स्वर्ण पदक जीतने वाली पुरुष और महिला दोनों टीमों ने प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए। पुरुष टीम में डी गुकेश, आर प्रज्ञानानंदा, अर्जुन एरिगेसी, विदित गुजराती, पी हरिकृष्णा और कप्तान श्रीनाथ नारायणन शामिल थे। महिला टीम में आर वैशाली, तानिया सचदेव, डी हरिका, दिव्या देशमुख और वंतिका अग्रवाल थीं। उनके कप्तान अभिजीत कुंटे भी चर्चा में मौजूद थे। मोदी ने टीम से उनके शानदार प्रदर्शन के बारे में पूछा, जिसमें पुरुष टीम ने 22 में से 21 अंक जुटाये और महिला टीम ने कुल 22 में से 19 अंक हासिल किए। उन्होंने यह भी जानने की कोशिश की कि इस जीत के बाद उनके प्रतिद्वंद्वियों की क्या प्रतिक्रिया थी। हरिका ने कहा, “हमारे सभी प्रतिद्वंद्वियों ने हमारे लिए खुशी व्यक्त की।” तानिया ने कहा, “हमने इतनी आसानी से जीत हासिल की कि ऐसा लगा कि कोई भी हमारे करीब नहीं पहुंच सकता था।”
PM MODI CHESS: ‘एआई से शतरंज का विकास हुआ है’
तानिया ने यह भी बताया कि वे अमेरिका को हराने के लिए दृढ़ थे, जिसने पिछले ओलंपियाड के अंतिम दौर में उन्हें स्वर्ण पदक से वंचित कर दिया था। गुकेश, जो विश्व खिताब मुकाबले की तैयारी में जुटे हैं, ने कहा, “यह ‘टीम वर्क’ था जिसकी बदौलत हम स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे।” प्रधानमंत्री ने यह जानने की कोशिश की कि एआई किस तरह शतरंज के भविष्य को आकार दे रहा है। इस पर प्रज्ञानानंदा ने कहा, “एआई से शतरंज का विकास हुआ है। कम्प्यूटर बहुत मजबूत प्रतिद्वंद्वी होते हैं जिससे नए विचार मिलते हैं।” गुजराती ने कहा, “और फिर एआई सभी के लिए उपलब्ध है। इसने शतरंज को लोकतांत्रिक बना दिया है।”
खिलाड़ियों को पीएम ने कहा, योग और ध्यान है जरूरी
तानिया ने प्रधानमंत्री से खेलों में उनकी दिलचस्पी के बारे में पूछा। मोदी ने कहा, “सिर्फ अर्थव्यवस्था ही किसी देश के विकास का एकमात्र संकेतक नहीं है। विकास के लिए हर क्षेत्र में अपराजेयता की जरूरत होती है।” उन्होंने आगे कहा, “इसी तरह जब हमारे बच्चे अधिकतम स्वर्ण पदक जीतते हैं तो हमारा देश महान बन जाता है।” खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री से उनके व्यस्त दैनिक कार्यक्रम और कार्यभार से निपटने के तरीके के बारे में भी पूछा। मोदी ने कहा, “आपको ट्रेनिंग मिल रही होगी। आपको खाने-पीने के बारे में बताया गया होगा, ये चीजें खानी चाहिए। मेरा मानना है कि अगर हम इन चीजों की आदत डाल लें, तो हम सभी समस्याओं को पचा सकते हैं। योग और ध्यान इसमें बहुत प्रभावी हैं।”वंतिका ने प्रधानमंत्री को उनके जन्मदिन के बारे में जानने पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा, “उन्हें इसके बारे में पता था। मैं बहुत हैरान थी। मैं जब नौ साल की थी तब उन्होंने गुजरात में जूनियर प्रतियोगिता के दौरान मुझे सम्मानित किया था जिससे मुझे प्रेरणा मिली थी।” गुकेश ने कहा, “जिस तरह उन्हें वंतिका का जन्मदिन याद था, उससे पता चलता है कि उन्हें खेल और खिलाड़ियों की कितनी परवाह है।” खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री को उस सम्मान समारोह की फोटो भी भेंट की जिसमें उन्होंने वंतिका को शॉल पहनाई थी।