प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(pm modi:) ने शुक्रवार को एक पॉडकास्ट में कहा कि वह ‘देवता’ नहीं, बल्कि मनुष्य हैं और गलतियां उनसे भी हो सकती हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह कभी भी बदइरादे से गलती नहीं करेंगे। जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ संवाद करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘मैंने जीवन में हमेशा यह मंत्र अपनाया है कि मैं मेहनत करूंगा, लेकिन अपने लिए कुछ नहीं करूंगा। मैं मनुष्य हूं, गलती हो सकती है, लेकिन कभी भी गलत इरादे से नहीं करूंगा।’’
प्रधानमंत्री मोदी (pm modi:)ने यह भी कहा कि उनकी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं थी, बल्कि परिस्थितियों ने उन्हें प्रधानमंत्री पद तक पहुंचाया। उन्होंने इस अवसर पर राजनीति में अच्छे लोगों के आने का समर्थन किया और कहा कि राजनीति में आना केवल एक महत्वाकांक्षा का परिणाम नहीं होना चाहिए, बल्कि एक मिशन के साथ आना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने (pm modi:)महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए बताया कि उनका व्यक्तित्व और भाषण कला पारंपरिक नेताओं से अलग था, फिर भी उनकी जीवटता और संवाद कला ने उन्हें महात्मा बना दिया। उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी के शरीर का आकार कमजोर था और उनकी भाषण कला भी साधारण थी, लेकिन उनके भीतर जीवटता थी, जिसने देश को प्रेरित किया।’’
मोदी ने यह भी बताया कि महात्मा गांधी का राजनीति में योगदान भाषण कला से ज्यादा संवाद कला का था। उन्होंने गांधी का उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘महात्मा गांधी ने कभी टोपी नहीं पहनी, लेकिन पूरी दुनिया गांधी टोपी पहनने लगी। यह उनकी संवाद की ताकत थी।’’
इस पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री ने राजनीति में नेतृत्व की नई परिभाषा को भी रेखांकित किया और कहा कि सही नेतृत्व जीवटता और संवाद कला पर आधारित होता है, न कि केवल भाषण कला पर।