केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज(R.G.KAR Hospital: ) के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान हुई कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में उनके परिसरों पर छापेमारी की। अधिकारियों के अनुसार, सीबीआई ने इस छापेमारी के दौरान घोष और उनके सहयोगियों से जुड़े कोलकाता के 14 अन्य स्थानों पर भी तलाशी अभियान चलाया।
R.G.KAR Hospital: संदीप घोष के कार्यकाल के समय अनियमितताओं की शिकायतें आई थीं
आरजी कर मेडिकल कॉलेज हाल के महीनों में चर्चा का विषय बना हुआ है, विशेष रूप से नौ अगस्त को एक परास्नातक प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ हुए कथित बलात्कार और उसकी हत्या के बाद। इस मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया जा चुका है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस गंभीर मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा, जिससे न केवल हत्या बल्कि मेडिकल कॉलेज में हुए संभावित वित्तीय अनियमितताओं की भी जांच की जा सके। सीबीआई की छापेमारी ने इस मामले को और भी अधिक संवेदनशील बना दिया है। संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान वित्तीय लेन-देन में कई अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई थीं, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने इन आरोपों की जांच के आदेश दिए थे। अधिकारियों का कहना है कि सीबीआई उन सभी संभावित सबूतों की तलाश कर रही है, जो इन आरोपों की पुष्टि कर सकते हैं।
मेडिकल कॉलेज की प्रशासनिक पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह
इस बीच, आरजी कर मेडिकल कॉलेज पहले से ही विवादों में घिरा हुआ है, और अब सीबीआई की यह कार्रवाई संस्थान की छवि को और प्रभावित कर सकती है। अधिकारियों का मानना है कि इस जांच के परिणामस्वरूप मेडिकल कॉलेज में प्रशासनिक और वित्तीय प्रबंधन के तौर-तरीकों पर व्यापक सुधार की आवश्यकता हो सकती है। उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार, सीबीआई को इस मामले में दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने होंगे। कुल मिलाकर, इस छापेमारी ने न केवल संस्थान के भीतर के वित्तीय प्रबंधन को सवालों के घेरे में ला दिया है, बल्कि इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज की प्रशासनिक पारदर्शिता पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिए हैं।