उत्तर प्रदेश के(Yogi Chitrakoot:) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार चित्रकूट धाम को उसकी पौराणिक और ऐतिहासिक पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस पवित्र धाम के आध्यात्मिक के साथ-साथ भौतिक विकास पर भी ध्यान दे रही है। राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री ने चित्रकूट के अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक कर विकास और कानून व्यवस्था की समीक्षा की। इसके बाद, वे श्री महाराजाधिराज मतगजेंद्र नाथ शिव मंदिर गए, जहां उन्होंने विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा-अर्चना की।
मुख्यमंत्री (Yogi Chitrakoot:)आदित्यनाथ रामघाट भी पहुंचे, जहां उन्होंने मां मंदाकिनी के तट पर खड़े होकर इस पवित्र नदी की आरती उतारी और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। वे मां मंदाकिनी की पांच अर्चकों द्वारा होने वाली दैनिक आरती में भी शामिल हुए। अपने संबोधन में आदित्यनाथ ने कहा कि जहां कभी भगवान श्रीराम ने संत तुलसीदास जी को दर्शन दिया था, आज उस पवित्र स्थल का दर्शन और पूजन करना उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि सरकार चित्रकूट के भौतिक विकास और आध्यात्मिक उन्नयन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
आदित्यनाथ(Yogi Chitrakoot:) ने चित्रकूट धाम की महिमा का वर्णन करते हुए कहा, “यह सनातन धर्म का पौराणिक तीर्थ है। प्रभु श्रीराम ने वनवास काल का सर्वाधिक समय इसी चित्रकूट में बिताया था। प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनियों और अनेक तपोनिष्ठ संतों ने इसी धाम में रहकर अपनी आध्यात्मिक साधना को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया है।” उन्होंने यह भी कहा कि संतों के सानिध्य में इस धाम के लिए कुछ करने का सौभाग्य उनकी ‘डबल इंजन’ सरकार को प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि चित्रकूट के आध्यात्मिक और धार्मिक विकास के साथ ही भौतिक विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है। यहां हवाई अड्डा बनकर तैयार है और इसका विस्तार किया जा रहा है ताकि दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी और अयोध्या से आने वाले बड़े विमान भी उतर सकें। विकास कार्यों पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड लिंक एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य जारी है। लालापुर स्थित महर्षि वाल्मीकि की पावन जन्मस्थली के सुंदरीकरण और संत तुलसीदास की पावन जन्मस्थली की सुरक्षा और सुंदरीकरण का कार्य भी प्रगति पर है।