भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ऑस्ट्रेलिया दौरे के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कुछ नए अनुशासनात्मक कदम उठाने पर विचार कर रहा है। इनमें से एक बड़ा कदम विदेशी दौरों पर क्रिकेटरों की पत्नियों की उपस्थिति को सीमित करना है। बीसीसीआई का विचार है कि यदि दौरा 45 दिन या उससे अधिक समय का होगा, तो खिलाड़ी अपनी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों को केवल दो सप्ताह तक ही अपने साथ रख पाएंगे। यदि दौरा 45 दिन से कम का है, तो यह अवधि एक सप्ताह की हो सकती है।
इसके अलावा, बीसीसीआई ने एक और नियम पर विचार किया है, जिसमें खिलाड़ियों और कोच के मैनेजरों को टीम बस में यात्रा करने से रोका जाएगा। अब तक अधिकतर खिलाड़ी टीम बस का उपयोग करते हैं, लेकिन कुछ मौकों पर खिलाड़ी और स्टाफ के सदस्य अन्य वाहनों में यात्रा करते हैं। यह मुद्दा तब सामने आया जब ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान कोचिंग स्टाफ के एक सीनियर सदस्य के मैनेजर को टीम बस में यात्रा करने की अनुमति दी गई थी।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निजी मैनेजर का टीम बस में यात्रा करना भ्रष्टाचार निरोधी इकाई के लिए चिंता का कारण बन सकता है, और इसे भविष्य में रोका जाएगा। बीसीसीआई ने कहा कि सभी खिलाड़ियों और कोचों को टीम बस से ही यात्रा करनी चाहिए।
पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने बीसीसीआई के इस नए आदेश पर हैरानी जताई है। उन्होंने लिखा कि सभी खिलाड़ियों को टीम बस में यात्रा करनी होगी, यह थोड़ा अजीब लगता है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या पहले से कोई मानदंड नहीं था और यदि ऐसा नहीं हो रहा था तो इसकी वजह जाननी चाहिए।
ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान एक रिजर्व खिलाड़ी की पत्नी ने यूट्यूब चैनल के लिए टीम बस में यात्रा करते हुए पर्दे के पीछे के दृश्य भी दिखाए थे, जो कि नियमों का उल्लंघन माना गया।
इसके अलावा, बीसीसीआई ने एक और नियम पर विचार किया है कि अगर किसी खिलाड़ी का सामान 150 किग्रा से अधिक होता है, तो बीसीसीआई उस अतिरिक्त वजन का भुगतान नहीं करेगा। खिलाड़ी को स्वयं इसका भुगतान करना होगा।
बीसीसीआई की समीक्षा बैठक में कप्तान रोहित शर्मा और चयन समिति के अध्यक्ष अजीत आगरकर ने भी हिस्सा लिया। भारतीय टीम का अगला विदेशी दौरा जून में इंग्लैंड के लिए होगा।