माइक्रोसॉफ्ट ने बुधवार को भारत सरकार और उद्योग जगत के नेताओं के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में साझेदारियों की घोषणा की। यह घोषणा माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने अपने AI टूर के दूसरे दिन नई दिल्ली में की। नडेला ने बताया कि भारत में AI इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए कंपनी $3 बिलियन (लगभग 25,753 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी। इसके साथ ही, माइक्रोसॉफ्ट ने यह भी बताया कि 2023 और 2024 के बीच भारत में AI का उपयोग वैश्विक औसत से अधिक बढ़ा है।
माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी नई साझेदारियों का खुलासा करते हुए बताया कि उसने भारत सरकार और प्रमुख कंपनियों जैसे रेलटेल, अपोलो हॉस्पिटल्स, बजाज फिनसर्व, महिंद्रा ग्रुप और अपग्रेड के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। ये साझेदारियां क्लाउड और AI नवाचार पर केंद्रित हैं, जो भारत में AI तकनीक को आगे बढ़ाने में सहायक होंगी।
IDC द्वारा माइक्रोसॉफ्ट के लिए कराए गए एक अध्ययन के अनुसार, 2023 में भारत में AI का उपयोग 63 प्रतिशत था, जो 2024 में बढ़कर 72 प्रतिशत हो गया। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि कई संगठन AI का उपयोग करके अपनी उत्पादकता को बढ़ा रहे हैं, जिसमें 79 प्रतिशत संगठन इसका इस्तेमाल उत्पादकता बढ़ाने के लिए और 66 प्रतिशत इसका उपयोग व्यावसायिक मामलों के लिए कर रहे हैं। इस तेजी से बढ़ती मांग को देखते हुए, माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी रणनीतिक साझेदारियों का विस्तार किया है।
भारत में AI के विकास को बढ़ावा देने के लिए माइक्रोसॉफ्ट और डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के अंतर्गत भारत AI ने एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी के तहत, 2026 तक 5,00,000 व्यक्तियों को AI-केंद्रित कौशल प्रदान किए जाएंगे। इसमें छात्र, शिक्षक, डेवलपर्स, सरकारी अधिकारी और महिला उद्यमी शामिल होंगे।
इसके अतिरिक्त, दोनों संस्थाएं मिलकर ‘AI Catalysts’ नामक एक AI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना करेंगी। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में AI इनोवेशन को बढ़ावा देना और 1,00,000 AI डेवलपर्स और नवाचारकर्ताओं को समर्थन देना है। इस केंद्र के माध्यम से हैकाथॉन, सामुदायिक समाधान और एक AI-केंद्रित मार्केटप्लेस को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
माइक्रोसॉफ्ट और भारत AI ने भारतीय रेलवे और सार्वजनिक क्षेत्र में डिजिटल, क्लाउड, और AI इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए भी साझेदारी की है। इसके तहत 10 राज्यों के 20 नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स (NSTIs) में AI प्रोडक्टिविटी लैब्स स्थापित की जाएंगी, जो 20,000 शिक्षकों को AI के बुनियादी पाठ्यक्रम प्रदान करेंगी। यह साझेदारी भारत में AI के क्षेत्र में नए अवसरों को सृजित करने और डिजिटल विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।