Friday, February 7, 2025
9.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeIndiaस्वयं सहायता समूहों के जरिए ग्रामीण विकास को नई दिशा दे रही...

स्वयं सहायता समूहों के जरिए ग्रामीण विकास को नई दिशा दे रही योगी सरकार

Google News
Google News

- Advertisement -

रेशम उद्योग बना ग्रामीण महिलाओं की आजीविका का नया साधन

-3 फरवरी से शुरू होगा रेशम सखियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम

-राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से 6 जिलों में कार्यक्रम लागू करेगा रेशम विभाग

लखनऊ, 31 जनवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ग्रामीण महिलाओं की आजीविका संवर्धन और उनके सशक्तिकरण के लिए निरंतर सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार का ध्यान न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने पर है, बल्कि उनके सामाजिक सम्मान और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देने पर है। इसी क्रम में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और रेशम विभाग मिलकर प्रदेश के छह जनपदों के 25 विकास खंडों में रेशम उत्पादन कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है।

योगी सरकार द्वारा गठित स्वयं सहायता समूह ग्रामीण महिलाओं के लिए परिवर्तनकारी साबित हो रहे हैं। सरकार के सहयोग और विभिन्न विभागों के समन्वय से महिलाओं की आय में न केवल वृद्धि हुई है, बल्कि उनके जीवन स्तर और सामाजिक सम्मान में भी बड़ा बदलाव देखा गया है। रेशम उत्पादन कार्यक्रम इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है, जो महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में सहायक हो रहा है।

3 फरवरी से शुरू होगा रेशम सखियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम


राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मिशन स्टाफ और रेशम सखियों के लिए क्षेत्र भ्रमण और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों के लिए 3 फरवरी से 20 फरवरी के मध्य एक प्रशिक्षण कैलेंडर तैयार किया गया है। इस दौरान विभिन्न चरणों में महिलाओं को रेशम उत्पादन की आधुनिक तकनीकों और प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण न केवल उनके कौशल को बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें उद्योग की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार तैयार भी करेगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने का लक्ष्य


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में महिलाओं की आजीविका को सशक्त बनाने के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनाई हैं। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं। रेशम उत्पादन के अलावा, सरकार हस्तशिल्प, कृषि आधारित उद्योगों और स्थानीय उत्पादों के प्रोत्साहन के लिए भी कई योजनाओं पर काम कर रही है। अभी हाल ही में आयोजित ‘अकांक्षा हाट 2024’ ने इन प्रयासों को और मजबूत किया है। इस हाट के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रदर्शित किया गया। इस तरह की पहल से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और महिलाओं को अपनी प्रतिभा को पहचानने और आर्थिक रूप से सशक्त बनने का अवसर मिलेगा।

प्रदेश में रोजगार का नया साधन बना रेशम उद्योग

रेशम उत्पादन कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के कई जिलों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हुए हैं। बरेली, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, देवरिया और अयोध्या जैसे जनपदों में महिलाओं ने रेशम उद्योग के माध्यम से अपनी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि की है। सरकार का लक्ष्य है कि इस कार्यक्रम को अन्य जनपदों तक भी विस्तारित किया जाए, ताकि अधिक महिलाओं को इसका लाभ मिल सके।

महिलाओं के सशक्तीकरण से ग्रामीण विकास के नए आयाम दे रही योगी सरकार
राज्य सरकार के प्रयासों ने ग्रामीण विकास और महिलाओं के सशक्तिकरण को नई दिशा दी है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं अब न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधार रही हैं, बल्कि अपने बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी अधिक ध्यान दे पा रही हैं। इस तरह के प्रयास न केवल प्रदेश की महिलाओं को नई राह दिखा रहे हैं, बल्कि पूरे देश में उत्तर प्रदेश को महिलाओं के सशक्तिकरण के एक मॉडल के रूप में स्थापित कर रहे हैं।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

Recent Comments