कश्मीर के 'दुश्मनों' को बेनकाब करते हुए विषय की गहराई में उतरती है 'आर्टिकल 370'

Article 370 पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म है जिसमें जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने से पहले और बाद के घटनाक्रमों के साथ इसे हटाने की जरूरत को दिखाया गया है।

फिल्म में Yami Gautam ने आइबी अधिकारी की भूमिका निभाई है जबकि प्रियामणि पीएमओ की अधिकारी बनी हैं।

कहानी का आरंभ पांच अगस्‍त, 2019 में राज्‍य सभा में बिल पेश होने के बाद मचे घमासान से होता है। वहां से कहानी वर्ष 2016 में कश्‍मीर में आती हैं।

आइबी अधिकारी जूनी हक्‍सर (यामी गौतम) अपने वरिष्‍ठ की अनुमति के बिना हिजबुल कमांडर को मारने के मिशन में सफल रहती है।

उसके बाद कश्‍मीर की खूबसूरत वादियों में हिंसा भड़क उठती है। हालात बेकाबू हो जाते हैं। जूनी पर कार्रवाई होती है।

पीएमओ सेक्रेटरी राजेश्‍वरी स्‍वामीनाथन (प्रियामणि) अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के कार्यान्वयन से पहले, कश्मीर घाटी में संघर्षपूर्ण अर्थव्यवस्था को खत्म करने और आतंकवाद का मुकाबला करने के उद्देश्य से गोपनीय मिशन के तहत जूनी को नियुक्‍त करती है।

जूनी कश्‍मीर में सुरक्षा व्‍यवस्‍था के लिए चुनौती बने अलगाववादियों और पत्‍थरबाजों की फडिंग करने वालों की कमर तोड़ने का काम करती है।

फिल्‍म में एक डायलॉग है कि अगर अमेरिका पाकिस्‍तान को अरबों रुपये देता है, ओसामा बिन लादेन को पकड़ने के लिए तो पाकिस्‍तान उसे ढूढ़ने का नाटक करेगा। पकड़वाएगा नहीं, ताकि उसकी फंडिंग चलती रहे।

आर्टिकल 370 का जन्‍म कैसे हुआ?  फिल्‍म के आरंभ में अभिनेता अजय देवगन (Ajay Devgn) की आवाज में इसकी पूरी जानकारी दी गई है।

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