कहां मनाई जाती है लट्ठमार होली? जानिए परंपरा और इसका महत्व

होली भारत के सबसे प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है। इसे रंगों का त्योहार कहते हैं, क्योंकि होली के मौके पर रंगों के साथ खेला जाता है।

हालांकि पूरे भारत में होली मनाने के अलग अलग तरीके हैं। होली मनाने की परंपरा और रिवाज में भी कुछ-कुछ अंतर पाया जाता है।

जैसे कृष्ण की नगरी में लट्ठमार होली बहुत मशहूर है। लट्ठमार, नाम से ही पता चलता है कि इसमें लाठी से मारा जाता है।

आइए जानते हैं कि लट्ठमार होली मनाने की क्या परंपरा है, इसे कहां और कब मनाते हैं और लट्ठमार होली का इतिहास और महत्व क्या है।

लट्ठमार होली उत्तर प्रदेश के मथुरा के आसपास के शहरों बरसाना और नंदगांव में खेली जाती है।

लट्ठमार होली मनाने की खास परंपरा है। होली वाले दिन बरसाने की महिलाएं पुरुषों पर लाठियां बरसाती हैं।

महिलाएं उन्हीं पुरुषों पर लाठियां बरसाती हैं, जो उन पर रंग डालते हैं। पुरुष भी खुशी-खुशी लाठियों को सहन करते हैं।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण राधा जी और गोपियों संग होली खेलते थे।

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