पिछड़ों को लुभाने की जुगत में हर दल, लालू-मुलायम के बाद अब राहुल को समझ में आई OBC वोट की अहमियत

ओबीसी वोटबैंक की जिस अहमियत को कांग्रेस के उत्तराधिकारी के रूप में राहुल गांधी ने हाल के दिनों में समझा है

देश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) एक बड़ा मतदाता वर्ग है।

राजद और सपा जैसी समाजवादी पार्टियों के साथ आगे बढ़ रही कांग्रेस लगभग एक वर्ष से सामाजिक न्याय के मुद्दे को उछाल कर केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को घेरने का प्रयास कर रही है।

विपक्ष के संयुक्त अभियान का अघोषित नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी देशभर में घूम-घूमकर आबादी के अनुरूप सत्ता में सबकी हिस्सेदारी का नारा लगा रहे हैं तो इसकी वजह है कि ओबीसी के बड़े वोटबैंक पर विपक्ष की नजर है।

भाजपा भी इससे अनजान नहीं है। पहले कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न

फिर लोकसभा चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पहले हरियाणा में मनोहर लाल के बदले ओबीसी समुदाय के नायब सिंह सैनी को सरकार की कमान

मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव पहले से ही बिहार व उत्तर प्रदेश के ओबीसी वर्ग को लीक बदलने को प्रोत्साहित कर रहे हैं।

उसे उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव एवं बिहार में लालू प्रसाद ने लगभग चार दशक पहले ही भांप लिया था।

दोनों ने उसी लाइन पर बढ़ते हुए सियासत के फार्मूले को पलट दिया।

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