बसंत पंचमी पर क्यों होती है मां सरस्वती की पूजा जाने कैसे हो इसकी शुरुआत!

बसंत पंचमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है जिसे श्री पंचमी, ज्ञान पंचमी भी कहा जाता है यह त्यौहार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ता है।

धार्मिक मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती प्रकट हुई थी। इसलिए इस दिन सरस्वती मां की विशेष पूजा की जाती है।

बसंत पंचमी के दिन लोग मां सरस्वती से विद्या, कला एवं ज्ञान का वरदान मांगते हैं। इसलिए इस दिन पीले रंग के कपड़े पहने जाते हैं और पीले फूलों से मां सरस्वती की पूजा की जाती है।

हिंदू धर्म में पीले रंग को शुभता एवं समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए मां सरस्वती को पीले रंग के फूल और मिठाइयां चढ़ाई जाती है।

ऐसी मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने जीवों और मनुष्यों की रचना की थी। और उसके बाद उन्हें चारों ओर सुनसान निर्जन ही दिखाई दिया। वातावरण बिल्कुल शांत लगा जैसे किसी की वाणी ही ना हो।

ब्रह्मा जी संतुष्ट नहीं थे तब ब्रह्मा जी ने भगवान विष्णु जी से अनुमति लेकर अपने कमंडल से पृथ्वी पर जल छिडका जिसके बाद एक अद्भुत शक्ति के रूप में मां सरस्वती प्रकट हुई।

ब्रह्मा जी संतुष्ट नहीं थे तब ब्रह्मा जी ने भगवान विष्णु जी से अनुमति लेकर अपने कमंडल से पृथ्वी पर जल छिडका जिसके बाद एक अद्भुत शक्ति के रूप में मां सरस्वती प्रकट हुई।

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