भगवान शिव पर भूल से भी नहीं चढ़ाना चाहिए ये एक फूल!

भगवान शिव को क्यों नहीं चढ़ाया जाता है यह एक फूल? जानिए मान्यता

कुछ ही दिनों में महाशिवरात्रि आने वाली है। इस दिन लोग शिव जी को खुश करने के लिए कई तरह से पूजा अर्चना करते हैं और गुलाब, चंपा, कमल समेत कई फूल अर्पित करते हैं

महादेव की पूजा में फूलों के अलावा भांग, धतूरा स्मेत कई चीज़े अर्पित की जाती हैं। लेकिन एक फूल ऐसा भी है, जिसको भगवान शिव को अर्पित नहीं किया जाता हैं

धर्म शास्त्रों में भगवान शिव की पूजा अर्चना में केतली का फूल चढ़ाना वर्जित बताया है।केतली का फूल शिवलिंग पर चढ़ाने की मनाही क्यों है, आइए जानें

शिवपुराण के अनुसार एक बार ब्रह्मा और विष्णु जी में इस बात पर विवाद हुआ की कौन सबसे सर्वश्रेष्ठ हैं। इस विवाद को सुलझाने के लिए वे दोनों शिव जी के पास गए और वहां पर एक शिवलिंग प्रकट हुआ

शिवजी ने कहा की जो भी इस शिवलिंग के आदि और अंत का पता लगा लेगा, वही सर्वश्रेष्ठ कहलाएगा। ब्रह्मा जी आरंभ खोजने के लिए नीचे की ओर गए और विष्णु जी अंत खोजने के लिए ऊपर की ओर गए

तभी ब्रह्मा जी को रास्ते में केतली का फूल मिला। ब्रह्मा जी ने केतकी के फूल को अपने पक्ष में झूट बोलने को कहा। ब्रह्मा जी के कहने पर भगवान शिव के सामने केतकी ने झूठ बोल दिया

भगवान शिव जानते थे की केतकी का फूल झूठ बोल रहा है और इस बात पर क्रोधित होकर शिव जी ने ब्रह्मा का पांचवा सिर काट दिया और केतकी के फूल को श्राप दे दिया कि अब से मेरी पूजा में तुम्हारा प्रयोग नहीं होगा

तब से लेकर आज तक भोलेनाथ की पूजा में केतकी का फूल नहीं चढ़ाया जाता है

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