यूएन विशेषज्ञ बोले- हीटवेव से करोड़ों बच्चों की जान को खतरा, लिवर डैमेज के जोखिमों को लेकर भी अलर्ट

पर्यावरणीय परिवर्तन और साल-दर साल बढ़ते तापमान को सेहत के लिए बहुत हानिकारक माना जा रहा है।

बच्चों की सेहत पर इसका सबसे अधिक दुष्प्रभाव देखा जा रहा है।

इतना ही नहीं ईस्ट एशिया और प्रशांत के देशों में बढ़ती गर्मी के कारण करोड़ों बच्चों की जान पर संकट बना हुआ है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन देशों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक बनी रहती है और समय के साथ ये बढ़ती भी जाती है।

भारत में पिछले एक महीने में तेजी से तापमान में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

गर्मी के कारण स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभावों को कैसे नियंत्रित किया जाए इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विशेषज्ञों के साथ एक बैठक कर रणनीति निर्धारित की है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, गर्मी के संपर्क में आने से कई प्रकार के अल्पकालिक और दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं।

कुछ अध्ययनों में अलर्ट किया जाता रहा है कि हीटवेव या गर्मी के अधिक संपर्क में रहने की स्थिति किडनी और लिवर जैसे अति महत्वपूर्ण अंगों को भी गंभीर क्षति पहुंचाती हुई देखी जा रही है।

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