Haryana Nikay Chunav 2025: मतदाता नहीं देख सकेंगे किसे दिया वोट, पुराने मॉडल की EVM के साथ होंगे चुनाव

हरियाणा के राज्य चुनाव आयोग ने दो मार्च को होने वाले शहरी निकाय चुनाव वीवीपैट लगी ईवीएम से कराने में असमर्थता जताई है।

वीवीपैट के अभाव में मतदाता यह नहीं देख पाएंगे कि उनका वोट उसी उम्मीदवार को मिला है, जिसे उन्होंने दिया है। ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि राज्य में शहरी निकाय चुनाव वीवीपैट (वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल मशीन) के अभाव में हो रहे हैं।

जिन ईवीएम में वीवीपैट लगी होती है, उनमें वोट डालने के बाद सात सेकेंड तक स्क्रीन पर पूरी जानकारी आ जाती है। हालांकि, राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित है और इन्हें किसी भी सूरत में हैक नहीं किया जा सकता है।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह को पत्र लिखकर शहरी निकाय चुनाव वीवीपैट के साथ कराने का आग्रह किया था। राज्य चुनाव आयोग ने इस संबंध में हेमंत कुमार को दो पेज का लिखित जवाब भेजा है, जिसमें वीवीपैट से चुनाव कराने में असमर्थता जताने के साथ ही उसके ठोस कारण समझाए गए हैं।

बता दें कि हरियाणा कांग्रेस लगातार बैलेट पेपर से शहरी निकाय चुनाव कराने की मांग कर रही है, राज्य चुनाव आयोग की ओर से ठुकराया जा चुका है। जून 2022 में हरियाणा के निर्वाचन आयोग ने भी माना था कि एम-3 मॉडल की ईवीएम उपलब्ध नहीं होने से वीवीपैट के साथ चुनाव नहीं कराए जा सकते।

सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2013 में ईवीएम से मतदान के साथ वीवीपैट के आवश्यक प्रयोग के निर्देश दिए थे। ऐसा इसलिए किया था, क्योंकि कई राजनीतिक दलों ने ईवीएम हैक होने के आरोप लगाते हुए चुनाव में गड़बड़ी की आशंका जताई थी। राज्य में दो व नौ मार्च को कुल 33 शहरी निकायों में चुनाव होने हैं।

इनमें आठ नगर निगम, चार नगर परिषदों एवं 21 नगरपालिका समितियों के चुनाव शामिल हैं। दो नगर निगमों के मेयर पद का उपचुनाव होगा, जबकि एक नगर परिषद एवं दो नगरपालिका समितियों के अध्यक्ष पद के चुनाव कराए जाएंगे। तीन नगर पालिका समितियों में एक-एक वार्ड में उपचुनाव होने प्रस्तावित हैं। एडवोकेट हेमंत कुमार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 2013 में डॉ. सुब्रहमण्यम स्वामी बनाम भारतीय चुनाव आयोग नामक केस में दिए गए ऐतिहासिक निर्णय का हवाला दिया है।

इस फैसले के बाद भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा ईवीएम के साथ वीवीपैट का प्रयोग कर ही देश में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव तथा उपचुनाव करवाए जा रहे हैं। जून 2022 में जब राज्य में 18 नगरपालिका परिषदों एवं 28 नगरपालिका समितियों के आम चुनाव हुए थे, तब भी राज्य चुनाव आयोग से वीवीपैट के माध्यम से चुनाव कराने का अनुरोध किया गया था।

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