न्यू इनकम टैक्स बिल लोकसभा में किया गया पेश, जानिए आम जनता के लिए क्या बदलेगा
नए इनकम टैक्स बिल का मकसद कानून को सरल और स्पष्ट बनाना है। इस नए बिल से लगभग 3 लाख शब्द कम किए गए हैं। इससे कानून अधिक सुगम और समझने में आसान होगा। साथ ही, बेहतर अनुपालन सुनिश्चित करने और टैक्स सिस्टम को पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी।
नए इनकम टैक्स बिल को पहले आयकर कानून 1961 की जगह पेश किया गया है। पुराने कानू में कुल 880 पन्नों थे। नए कानून में 622 पन्ने रखे गए हैं। इसमें ज्यादातर सबसेक्शन खत्म कर दिए गए हैं। नए कानून को इनकम टैक्स एक्ट, 2025 कहा जाएगा।
TDS और प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन (Presumptive Taxation) को टेबल फॉर्मेट में पेश किया गया है। इससे टैक्सपेयर्स को यह समझने में आसानी होगी कि उन्हें कितना टैक्स देना है।
अब टैक्स विवादों को जल्दी निपटाने के लिए DRP के फैसले को स्पष्ट रूप से पेश किया जाएगा। इससे अनावश्यक मुकदमेबाजी कम होगी।
सरकार नए टैक्स रिजीम को बढ़ावा दे रही है, लेकिन ओल्ड टैक्स रिजीम भी जारी रहेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही कह चुकी हैं कि अभी सरकार का पुरानी टैक्स व्यवस्था को खत्म करने का कोई इरादा नहीं है।
सरकार नए इनकम टैक्स बिल के तहत लंबित टैक्स असेसमेंट को खत्म नहीं करेगी। उनका निपटारा पुरानी व्यवस्था के हिसाब से ही किया जाएगा।
नए कानून में कई सारे नियम आसान कर दिए गए हैं। इससे मुकदमेबाजी कम होगी, जिससे टैक्स विवाद जल्दी सुलझेंगे। इससे आम जनता के साथ सरकार को भी फायदा होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया है, जहां से यह पास भी हो गया है। अब इसे संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा। समिति की सिफारिशों के बाद इसे संसद में फिर से पेश किया जाएगा। संसद से मंजूरी और राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद यह नया इनकम टैक्स कानून लागू हो जाएगा।
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