Ram Janmabhoomi: अयोध्या के बारे में 10 ऐतिहासिक तथ्य

अयोध्या भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक है और भगवान राम की जन्मभूमि है। आइए अयोध्या के बारे में कुछ ऐतिहासिक तथ्यों को अध्ययन करते हैं।

अयोध्या को साकेत के नाम से भी जाना जाता है जो भारत का एक प्राचीन शहर है, या कह सकते हैं कि अयोध्या का प्राचीन नाम साकेत है।

पारंपरिक इतिहास में, अयोध्या कोसल राज्य की प्रारंभिक राजधानी थी। अनेकों प्रख्यात राजा यथा इक्ष्वाकु, पृथु, मान्धाता, हरिश्चंद्र, सागर, भागीरथ, रघु, दिलीप, दशरथ तथा राम ने कोशल देश की इस राजधानी से शासन किया था।

11वीं और 12वीं शताब्दी के दौरान, कन्नौज साम्राज्य अयोध्या में उत्पन्न हुआ, जिसे अवध कहा जाता था।

इसकी स्थापना अवध के दूसरे नवाब सआदत खान ने लगभग ढाई शताब्दी पूर्व की थी, यह अयोध्या से लगभग 7 किमी की दूरी पर स्थित है।

सरयू नदी पर लंबे घाटों का निर्माण 19वीं शताब्दी के प्रथम भाग में सरयू नदी पर राजा दर्शन सिंह ने करवाया था। नदी का किनारा सीता-राम तथा नरसिंह को समर्पित सुंदर मंदिरों, चक्रहरि तथा गुप्तहरि मंदिरों से भरा है जो इस स्थान की पवित्रता को बढ़ाते हैं।

अयोध्या के संदर्भ भी अथर्ववेद में निहित हैं। इसके अलावा, जैन मत के अनुसार अयोध्या में पांच तीर्थंकरों का जन्म हुआ था।

अयोध्या या अवधपुरी, भगवान राम के जन्मस्थली होने के कारण इसको मोक्षदायिनी एवं हिन्दुओं की प्रमुख तीर्थस्थली के रूप में  भी माना जाता है।

विभिन्न दर्शनीय स्थल हैं रामकोट, हनुमान गढ़ी, तुलसी स्मारक भवन, श्री नागेश्वरनाथ मंदिर, त्रेता के ठाकुर, कनक भवन, अयोध्या में जैन मंदिर, मणि पर्वत, छोटी देवकाली मंदिर, राम की पैड़ी, कोरियन पार्क – रानी हो, सरयू नदी, राम कथा संग्रहालय, सूरज कुंड, और कुंड तथा घाट इत्यादि।

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