इस बैंक का शेयर 25% तक गिरकर 52 सप्ताह के निचले स्तर पर
एनएसई पर मंगलवार को इंडसइंड बैंक के शेयरों का भाव दोपहर 01 बजकर 45 मिनट पर 226.90 रुपये या 25.20% गिरकर 673.60 रुपये प्रति शेयर पर आ गया। बैंक के शेयरों के लिए यह भाव 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर भी है। निजी क्षेत्र के बैंकों में आई इस बड़ी गिरावट का क्या कारण है, आइए जानते हैं।
डसइंड बैंक के शेयरों में लगातार पांचवें दिन गिरावट दिखी। मंगलवार को सुबह के कारोबार में बैंक के शेयर 25% से ज्यादा टूट गए। निजी क्षेत्र के इस बैंक ने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में कुछ विसंगतियां होने की सूचना दी है।
दोपहर के सत्र में बाजार में सपाट ढंग से कारोबार होता दिखा। बाजार के बेंचमार्क सूचकांक लाल निशान पर पहुंच गए हैं। बीएसई सेंसेक्स 36.65 (0.04%) अंक गिरकर 74,096.50 पर है। वहीं, एनएसई का निफ्टी 19.50 (0.09%) अंक गिरकर 22,479.80 पर आ गया। सोमवार को नियामकीय फाइलिंग में इंडसइंड बैंक ने कहा कि डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से संबंधित प्रक्रियाओं की आंतरिक समीक्षा के दौरान, उसे खातों के शेष में कुछ गड़बड़ियां दिखी हैं।
मुंबई स्थित इंडसइंड बैंक ने एक बयान में कहा कि उसकी विस्तृत आंतरिक समीक्षा में दिसंबर 2024 तक बैंक की निवल संपत्ति पर लगभग 2.35 प्रतिशत प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का अनुमान है। यह समीक्षा, ऋणदाताओं के निवेश पोर्टफोलियो पर आरबीआई की ओर से सितंबर 2023 में जारी निर्देशों के बाद की गई। यह निर्देश पोर्टफोलियो के 'अन्य परिसंपत्ति और अन्य देयता' खातों से संबंधित थे। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे इंडसइंड बैंक की नेट वर्थ पर 1,500 करोड़ रुपये का असर पड़ सकता है।
इस खुलासे के बाद, इंडसइंड बैंक ने एक एनालिस्ट कॉल का आयोजन किया और कहा कि एक बाहरी लेखा परीक्षक मामले की जांच कर रहा है, जिसकी रिपोर्ट मार्च 2025 के अंत तक आने की उम्मीद है। हालांकि, इंडसइंड बैंक ने स्पष्ट किया कि लाभप्रदता और पूंजी की उपलब्धता इस एकमुश्त प्रतिकूल प्रभाव को झेलने में सक्षम है। सोमवार को इंडसइंड बैंक के शेयरों में लगभग चार प्रतिशत की गिरावट आई। यह गिरावट भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से निजी क्षेत्र बैंक के मौजूदा सीईओ का कार्यकाल तीन साल के बजाय एक साल के लिए बढ़ाने के निर्णय के बाद आई थी।
इस खुलासे के बाद, इंडसइंड बैंक ने एक एनालिस्ट कॉल का आयोजन किया और कहा कि एक बाहरी लेखा परीक्षक मामले की जांच कर रहा है, जिसकी रिपोर्ट मार्च 2025 के अंत तक आने की उम्मीद है। हालांकि, इंडसइंड बैंक ने स्पष्ट किया कि लाभप्रदता और पूंजी की उपलब्धता इस एकमुश्त प्रतिकूल प्रभाव को झेलने में सक्षम है। सोमवार को इंडसइंड बैंक के शेयरों में लगभग चार प्रतिशत की गिरावट आई। यह गिरावट भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से निजी क्षेत्र बैंक के मौजूदा सीईओ का कार्यकाल तीन साल के बजाय एक साल के लिए बढ़ाने के निर्णय के बाद आई थी।
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