सोमवार, अक्टूबर 2, 2023
26.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

होमDELHI NCR News in hindi - Deshrojanaऐसा क्या हुआ जो प्रधानमंत्री को करना पड़ा मैट्रो का सफर, जानिए...

ऐसा क्या हुआ जो प्रधानमंत्री को करना पड़ा मैट्रो का सफर, जानिए वजह

- Advertisement -

नई दिल्ली। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में शामिल हुए। समारोह में उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा भी था जब किसी संस्थान में एडमिशन लेने से पहले छात्र प्लेसमेंट को प्राथमिकता देते थे। उस दौरान एडमिशन का मतलब डिग्री व डिग्री का मतलब नौकरी हुआ करता था। शिक्षा बस यहीं तक सीमित थी। उन्होंने कहा, आज का युवा अपनी जिंदगी को इसमें बांधना नहीं चाहता है। वो कुछ नया करके अपनी लकीर खुद खींचना चाहता है। भारत में वर्ष 2014 से पहले सिर्फ कुछ 100 स्टार्टअप थे। वहीं आज इनकी संख्या एक लाख को पार कर गई है। इसके अलावा उन्होंने छात्रों को अपने अमेरिका दौरे के बारे में बताते हुए कहा, ‘मैं कुछ दिन पहले अमेरिका की यात्रा पर गया था, आप सभी ने देखा ही होगा कि देश का सम्मान और गौरव कितना बढ़ा है। क्योंकि विश्व का भरोसा हमारे देश की क्षमता और देख के युवाओं पर बढ़ा है।’

अचानक मैट्रो से DU पहुंचे पीएम मोदी
अचानक मैट्रो में सफर कर के प्रधानमंत्री दिल्ली यूनिवर्सिटी पहुंचे। शुक्रवार सुबह 11 बजे वे लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन पहुंचे। यहां उन्होंने पहले टिकट काउंटर पर जाकर टोकन लिया और उसके बाद प्लेटफॉर्म पर पहुंचे इस दौरान पीएम ने मैट्रो में यात्रियों से बातचीत भी की। दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्थापना 1 मई 1922 को हुई थी। इसमें 86 विभाग, 90 कॉलेज और करीब 6 लाख से भी ज्यादा स्टूडेंट्स हैं।

दिल्ली यूनिवर्सिटी पहुंचने के बाद पीएम ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए एक स्पीच दी। जिसमें उन्होंने तीन बड़ी बातें कही।

  • उन्होंने कहा, ‘दिल्ली यूनिवर्सिटी का इतिहास बेहद ख़ास है। यह केवल एक यूनिवर्सिटी ही नहीं बल्कि एक मूवमेंट है। इस यूनिवर्सिटी ने अपने लंबे इतिहास के दौरान लगभग हर आंदोलन को देखा और जिया है। आज यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले सभी छात्रों में लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या ज्यादा है। इसके अलावा देश में भी जेंडर रेश्यो में सुधार आया है। शिक्षण संस्थान की जड़ें जितनी गहरी होंगी, देश की शाखाएं उतनी ही ऊंचाइयों को छुएगी। यूनिवर्सिटी और देश के संकल्पों में भविष्य के लिए भी एकरूपता होनी चाहिए।
  • ‘100 वर्ष पहले हमारे देश का लक्ष्य था परन्तु अब हमारा लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का है। स्वतंत्रता संग्राम को पिछली शताब्दी के तीसरे दशक में नई गति दी गई। अब इस शताब्दी का यह तीसरा दशक देश की विकास यात्रा को नई रफ्तार देगा। देशभर में आज बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों का निर्माण किया जा रहा है। IIT और IIM जैसी संस्थाओं की संख्या में भी पिछले कुछ वर्षों से लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यह न्यू इंडिया के बिल्डिंग ब्लॉक हैं।’
  • ‘शिक्षा केवल सिखाने की ही नहीं बल्कि सीखने की भी प्रक्रिया है। लंबे समय से चली आ रही शिक्षा नीति का फोकस केवल इसी बात पर रहा है कि छात्रों को क्या पढ़ाया जाना चाहिए। लेकिन हमने शिक्षा का फोकस इस बात पर भी किया कि छात्र क्या सीखना चाहते हैं। आप सभी के प्रयास से आज नई शिक्षा नीति बनकर तैयार हुई है। छात्र अपनी इच्छा अनुसार अपनी पसंद के विषयों का चुनाव कर सकते हैं।’
- Advertisement -

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

Attractive Numerology : इस मूलांक के जातकों का बेहद आकर्षक होता है व्यक्तित्व, सबको बना लेते है दीवाना

हर व्यक्ति की जन्मतिथि के आधार पर उसका मूलांक निर्भर करता है जिसका व्यक्ति के जीवन और व्यवहार पर असर पड़ता है आज आपको एक खास मूलांक के बारें में बताएंगे जिनका व्यक्तित्व बेहद आकर्षक होता है।

सेक्टर 3 दशहरा ग्राउंड में स्वच्छता का नारा हुआ फेल, बद से बदतर बने हालात, नजदीक ही बन रहा माँ दुर्गा का पंडाल

Faridabad News : फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी कहाँ जाता है और इस स्मार्ट सिटी में रविवार को ही मुख्यमंत्री दौरा कर वापस लौटे थे...

हरियाणा के जींद में आज “मेरी आवाज सुन लो” रैली का आयोजन, बीरेंद्र सिंह करेंगे बड़ी घोषणा

देश रोज़ाना: "मेरी आवाज सुन लो" पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह आज हरियाणा में इस रैली को निकाल रहे है। यह रैली जींद के...

Recent Comments