अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (America Trump: )ने बृहस्पतिवार को मिशिगन में एक कार्यक्रम के दौरान घोषणा की कि अगर वह दोबारा राष्ट्रपति निर्वाचित होते हैं, तो आईवीएफ (इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन) पद्धति से गर्भधारण की प्रक्रिया को महिलाओं के लिए मुफ्त बनाएंगे। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि उनकी योजना कैसे काम करेगी और इसका वित्त पोषण कैसे किया जाएगा।
America Trump: क्या होता है आईवीएफ
ट्रंप ने कहा, “ट्रंप प्रशासन के तहत, आपकी सरकार या बीमा कंपनी आईवीएफ पद्धति से जुड़े सभी खर्च का भुगतान करेगी। हम ज्यादा बच्चे चाहते हैं।” आईवीएफ पद्धति के तहत शुक्राणु और अंडाणु का निषेचन प्रयोगशाला में किया जाता है और इससे बने भ्रूण को महिला के गर्भाशय में प्रतिरोपित किया जाता है। यह पद्धति महंगी होती है और सफलता की कोई गारंटी नहीं होती। कई महिलाओं को गर्भधारण के लिए एक से अधिक बार इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
छह सप्ताह की सीमा तय करने के निर्णय को भयानक गलती बताया
ट्रंप ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब वह उच्चतम न्यायालय के उन न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर डेमोक्रेटिक नेताओं के निशाने पर हैं, जिन्होंने अमेरिका में महिलाओं को हासिल गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को खत्म करने वाला फैसला सुनाया था। ट्रंप ने खुद को महिलाओं के प्रजनन अधिकार के मजबूत पैरोकार के रूप में पेश किया है। कार्यक्रम से पहले ‘एनबीसी’ के साथ एक साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा कि वह फ्लोरिडा में गर्भपात के लिए छह सप्ताह की सीमा तय करने के फैसले के खिलाफ मतदान करेंगे। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि छह सप्ताह की अवधि बेहद कम है। इसके लिए ज्यादा समय मिलना चाहिए। मैं इस बात के पक्ष में मतदान करूंगा कि हमें छह सप्ताह से ज्यादा समय दिए जाने की जरूरत है।”ट्रंप ने फ्लोरिडा के रिपब्लिकन गवर्नर रॉन डिसैंटिस के छह सप्ताह की सीमा तय करने के निर्णय को “भयानक गलती” करार दिया था। नवंबर में प्रस्तावित राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ट्रंप ने इस मुद्दे पर बचाव की मुद्रा में आकर अपनी नई नीति की घोषणा की है।