वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने शुक्रवार को अपने नए कार्यकाल के लिए शपथ ली। इस अवसर पर विरोध प्रदर्शनों और अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। मादुरो के विरोधी उन पर पिछले वर्ष हुए चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हैं, जबकि मादुरो ने अपने विरोधियों और अमेरिकी सरकार पर शपथग्रहण समारोह को असफल करने की कोशिश का आरोप लगाया।
जोशीले भाषण के सााथ शपथ
मादुरो ने वेनेजुएला के विधान भवन में शपथ ली और एक जोशीला भाषण दिया। समारोह के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। आसपास की गलियों और एक पास के प्लाजा में बड़ी संख्या में लोग जमा थे। कई लोग मादुरो के समर्थन में टी-शर्ट पहने हुए थे। मादुरो ने शपथ के बाद कहा कि उनके दुश्मनों की विफलता वेनेजुएला की शांति और राष्ट्रीय संप्रभुता के लिए एक बड़ी जीत है।
मादुरो के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन
सैकड़ों वेनेजुएलावासियों ने मादुरो के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें सत्ता हथियाने का आरोप लगाया गया था। विरोध शांतिपूर्ण रहा, लेकिन इसके बाद पूर्व सांसद मारिया कोरिना मचाडो के सहयोगियों ने कहा कि उन्हें कुछ समय के लिए सुरक्षा बलों द्वारा हिरासत में लिया गया था। मचाडो ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर आरोप लगाया कि उनके काफिले पर गोलियां चलाई गईं।
अमेरिका सहित कई देशों ने लगाए प्रतिबंध
अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने मादुरो के कार्यकाल को नकारते हुए 20 से अधिक अधिकारियों पर नए प्रतिबंध लगाए। इन अधिकारियों पर वेनेजुएला के लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप लगाया गया। अमेरिका ने मादुरो और उनके कुछ मंत्रियों पर मादक पदार्थों की तस्करी के आरोपों में गिरफ्तारी के लिए इनाम भी बढ़ा दिया है।
मादुरो बोले, मैं लोगों के बीच से आया हूं
मादुरो ने विरोधियों के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वह लोगों के बीच से आते हैं और उन्हें सत्ता इतिहास और जनता से मिलती है। उन्होंने अपने शपथ ग्रहण को एक “विश्व युद्ध” में बदलने की कोशिशों को नाकाम बताते हुए इसे वेनेजुएला की शांति और संप्रभुता की जीत बताया।
मादुरो के खिलाफ विपक्षी गुट ने चुनावी धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं और उनके 2018 के पुनर्निर्वाचन को एक दिखावा बताया है। मादुरो का कार्यकाल अब भी विवादों के घेरे में है, और वेनेजुएला का राजनीतिक संकट जारी है।