देश रोज़ाना: हरियाणा के नूंह जिले में किसानों की आय में वृद्धि करने व फसल विविधीकरण के तहत बागवानी फसल लगवाई गई। लेकिन बारिश के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ। जिनकी भरपाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से जिला के बागवानी खेती करने वाले किसान फसल की खेती के दौरान व उसके उत्पादन के बाद होने वाले जोखिमों को कम कर सकते हैं।
डीसी धीरेन्द्र खड़गटा ने बताया कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा शुरू की गई भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना बागवानी किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। यह योजना किसानों को सब्जियों व फलों के भाव से जोखिम मुक्त कर उन्हें फसल का उचित दाम दिलाने में कारगर साबित हो रही है। कई बार यह देखने में आया है कि किसान जब अपनी बागवानी की फसल को मंडी में बेचने जाता है तो उसको फसल का सही दाम नहीं मिल पाता। जिससे किसान हतोत्साहित होकर फिर से पारंपरिक खेती करने का विचार करता है। ऐसे किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार फसल में लगने वाले घाटे (नुकसान) के जोखिम को कम करने के लिए भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत मुआवजा व मूल्य के रूप में प्रोत्साहन धनराशि प्रदान करेगी।
योजना के तहत इन सब्जियों व फलों को किया गया है।
डीसी धीरेन्द्र खड़गटा ने बताया कि इस योजना के तहत आलू, फूल गोभी, गाजर, मटर, टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च, बैंगन भिंडी मिर्च, करेला, बंद गोभी, मूली, किन्नू, अमरूद, चीकू, आड़ू, आलूबुखारा, आम, नाशपाती, लीची, आंवला, बेर, लहसुन व हल्दी आदि को सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त सभी फसलों के संरक्षित मूल्य सरकार द्वारा पहले से निर्धारित किए गए है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा निर्धारित संरक्षित मूल्यों से कम बिक्री होने पर जो नुकसान होगा उसकी भरपाई प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को की जाएगी। उत्पादन से पूर्व होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत उत्पादक किसान उपरोक्त फसलों का बीमा भी करवा सकते हैं।
इस योजना के अंतर्गत सब्जियों व मसालों पर 30 हजार प्रति एकड़ का बीमा किया जाएगा जिसके लिए किसान को 750 रुपये प्रति एकड़ भुगतान करना होगा। वहीं फलों की खेती पर एक हजार प्रति एकड़ का प्रीमियम देखकर किसान 40 हजार प्रति एकड़ का बीमा करवा सकता है। योजना का लाभ लेने के लिए उत्पादक का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन होने अनिवार्य है। जिला में इस योजना का लाभ उठाने के इच्छुक किसान इस विषय में और अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस में जिला बागवानी अधिकारी के कार्यालय में संपर्क कर सकते है।