दो महीने पहले 24 जून को जब प्राइवेट मिलेट्री कांट्रैक्टर ग्रुप वागनर ने बगावत की थी, तब मैंने 25 जून को इसी कालम में लिखा था कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन बहुत तिलमिलाए हुए हैं। उनकी पहली प्रतिक्रिया भी यही थी कि कुचलकर रख देंगे। लगता है कि राष्ट्रपति पुतिन ने अपने खिलाफ बगावत करने वाले को कुचल कर रख दिया है। इस शक का आधार वह खबर है, जो रूस से आई है। जून में राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ बगावत करने वाले रूसी प्राइवेट आर्मी के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन का एक निजी विमान रूसी शहर तेवेर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इसमें सवार सभी दस लोग मारे गए हैं। मरने वालों में पांच यात्रियों और चालक दल के तीन सदस्यों के साथ वागनर ग्रुप के सह-संस्थापक दमित्री अतकीन शामिल हैं।
अभी तक यह जानकारी सामने नहीं आई है कि प्रिगोजिन का निजी विमान स्वाभाविक दुर्घटना का शिकार हुआ है या इसे उड़ाया गया है। मामले की छानबीन हो रही है। लेकिन रूस से इसके बारे में किसी तरह की जानकारी बाहर आएगी, इसकी उम्मीद बहुत कम है। कुछ महीने पहले ही भारत में ही पुतिन विरोधी दो रूसी नागरिक संदिग्ध अवस्था में मरे हुए पाए गए थे। इसको लेकर खूब हो-हल्ला मचा था, लेकिन इन रूसी नागरिकों की मौत का खुलासा आज तक नहीं हो पाया है। दरअसल, सोवियत रूस के जारशाही से मुक्त होने के बाद से ही एक तरह से यह परंपरा चली आ रही है कि जो भी रूस की सत्ता के शीर्ष पर होता है, वह अपने विरोधियों को चुपचाप निपटा देता है। उसे या तो जहर दे दिया जाता है या वह हवाई दुर्घटना का शिकार हो जाता है।
साईबेरिया के ठंडे इलाके में अपने विरोधियों को छोड़ देने की भी परंपरा रही है। साइबेरिया में छोड़ा गया व्यक्ति जिंदा नहीं रह सकता है। वहां इतनी ठंड पड़ती है कि बिना किसी उपाय के जिंदा रह पाना लगभग असंभव सा है। यदि कोई लापता व्यक्ति के बारे में पूछताछ करता है, तो उसके बारे में सरकारी तौर पर यही कहा जाता है कि वे लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। ऐसा लगता है कि पुतिन ने वगानर ग्रुप के मुखिया को लंबी छुट्टी पर भेज दिया है। दरअसल, वागनर समूह लड़ाकों की एक ऐसी फौज है, जो पैसे लेकर काम करती है। पिछले साल से ही यूक्रेन के खिलाफ रूस के पक्ष में लड़ रही थी। इस ग्रुप की स्थापना का उद्देश्य ही पुतिन के खिलाफ बगावत करने वालों को ठिकाने लगाना था। यही वह वागनर ग्रुप है जो पुतिन के उन कामों को अंजाम देता था जिसके पीछे पुतिन अपनी संलिप्तता नहीं दिखाना चाहते हैं।
जून में वागनर ने जब मतभेद उभरने के बाद बगावत की थी, तो यूक्रेन युद्ध में फंसे पुतिन ने तत्काल समझौता कर लिया था। वागनर ग्रुप को वापस बैरक में जाने और बगावत करने वालों को आम माफी की घोषणा की गई थी, तभी यह लगने लगा था कि पुतिन किसी तरह इस मामले टालना चाहते हैं और सबक सिखाने के लिए कुछ समय चाहते हैं। वागनर ग्रुप से जुड़े टेलिग्राम चैनल ‘ग्रे जोन’ ने कहा है कि येवगेनी प्रिगोजिÞन ने रूस के खिलाफ गद्दारी की थी, लिहाजा उन्हें मार डाला गया। एक तरह से पुतिन ने रूस के बुद्धिजीवियों को चेतावनी दी है कि सावधान! वफादारी न दिखाना मौत के बराबर है।
संजय मग्गू