Google ने एक नया तकनीक विकसित किया है जो images और Video में एक वॉटरमार्क जोड़ता है जो मानव आंखों को दिखाई नहीं देता है। यह तकनीक, जिसे “invisible watermarking” कहा जाता है, images and videos की quality को कम किए बिना वॉटरमार्क को जोड़ने में सक्षम है।
invisible watermarking का उपयोग copyright सुरक्षा, Identity Verification और content tracking के लिए किया जा सकता है। यह तकनीक उन लोगों के लिए भी उपयोगी हो सकती है जो अपनी images and videos को ऑनलाइन अपलोड करते हैं और चाहते हैं कि उन्हें बिना अनुमति के कॉपी न किया जाए।
गूगल ने invisible watermarking तकनीक के बारे में एक पेपर प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने इस तकनीक के काम करने के तरीके के बारे में बताया है। पेपर में कहा गया है कि invisible watermarking images and videos में छोटे, अदृश्य परिवर्तनों को जोड़कर काम करता है। ये परिवर्तन इतने छोटे होते हैं कि मानव आंखों को दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन कंप्यूटर उन्हें आसानी से पहचान सकते हैं।
गूगल ने कहा कि invisible watermarking तकनीक को अभी भी विकसित किया जा रहा है, लेकिन यह एक आशाजनक तकनीक है जो कॉपीराइट सुरक्षा और सामग्री ट्रैकिंग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
Invisible watermarking तकनीक के कुछ संभावित लाभों में शामिल हैं।
यह छवियों और वीडियो की गुणवत्ता को कम किए बिना वॉटरमार्क जोड़ने में सक्षम है।
यह कॉपीराइट सुरक्षा के लिए एक प्रभावी तरीका हो सकता है।
यह सामग्री ट्रैकिंग के लिए एक प्रभावी तरीका हो सकता है।
यह उन लोगों के लिए उपयोगी हो सकता है जो अपनी छवियों और वीडियो को ऑनलाइन अपलोड करते हैं और चाहते हैं कि उन्हें बिना अनुमति के कॉपी न किया जाए।
अदृश्य वॉटरमार्किंग तकनीक के कुछ संभावित नुकसान भी हैं।
यह अभी भी विकसित किया जा रहा है, इसलिए यह पूरी तरह से प्रभावी नहीं हो सकता है।
यह कुछ लोगों को अपनी छवियों और वीडियो में वॉटरमार्क जोड़ने के लिए नाराज कर सकता है।
यह कुछ लोगों को अपनी छवियों और वीडियो में अदृश्य परिवर्तनों को जोड़ने के लिए असुरक्षित महसूस कर सकता है।
Overall, अदृश्य वॉटरमार्किंग तकनीक एक आशाजनक तकनीक है जो कॉपीराइट सुरक्षा और सामग्री ट्रैकिंग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। हालांकि, यह अभी भी विकसित किया जा रहा है और कुछ संभावित नुकसान भी हैं।