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कब-कब बुलाया गया संसद का विशेष सत्र

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18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है,जिसको लेकर विपक्ष ने सवाल भी उठाए

ऐसा नहीं है कि देश के संसदीय इतिहास में पहली बार संसद का विशेष सत्र बुलाया गया हो आजादी से लेकर अब तक 11 बार संसद के विशेष सत्र को बुलाया जा चुका है आईए जानते हैं कब-कब संसद का विशेष सत्र बुलाया गया।

आजादी की पूर्व संध्या पर साल  14 और 15 अगस्त साल 1947 की तारीख संसद का पहला विशेष सत्र ब्रिटिश अधिकारियों ने बुलाया था,इसे भारतीयों को सत्ता सौंपने के साक्षी के तौर पर बुलाया गया था।

आठ नवंबर 1962 भारत-चीन युद्ध की स्थिति पर चर्चा करने के लिए युद्ध के दौरान विशेष बैठक हुई थी तब यह विशेष सत्र बुलाया गया था।

14 और 15 अगस्त 1972 तत्कालीन केंद्र सरकार ने भारत की आजादी के 25 सालों के जश्न के लिए विशेष सत्र आयोजित किया था उस वक्त प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने विशेष सत्र बुलाया था।

फरवरी 1977 तमिलनाडु और नगालैंड में राष्ट्रपति शासन की अवधि को बढ़ाने के लिए दो दिन के लिए राज्यसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था, तीन और चार जून 1991 हरियाणा में राष्ट्रपति शासन की मंजूरी के लिए दो दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया गया था।

नौ अगस्त 1992 संसद का मिडनाइट स्पेशल सेशन हुआ, यह सत्र महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए भारत छोड़ो आंदोलन की 50वीं वर्षगांठ को मनाने के लिए आयोजित किया गया।

14 और 15 अगस्त 1997 आजादी के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष में मध्य रात्रि सत्र का आयोजन हुआ तो वहीं जुलाई साल 2008 वाम दलों की समर्थन वापसी के बाद मनमोहन सिंह यूपीए-1 सरकार ने लोकसभा का विशेष सत्र बुलाया।

 13 मई साल 2012 भारतीय संसद के उद्घाटन बैठक की सातवीं वर्षगांठ मनाने के लिए लोकसभा में विशेष सत्र बुलाया गया। 26 और 27 नवंबर साल 2015 डॉ अंबेडकर की 125 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए दो दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन हुआ।

 30 जून साल 2017 जीएसटी में सुधार के लिए सरकार ने आधी रात को संसद का विशेष सत्र बुलाया था, तब ऐसा पहली हुआ था कि किसी विशेष सत्र में कोई बिल पास हुआ था।

आपको यह भी बता दे की संसद का सत्र बुलाने का अधिकार संविधान का अनुच्छेद 85-1 देता है। सरकार के संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति की सलाह और औपचारिक निवेदन के बाद राष्ट्रपति इसकी मंजूरी देते हैं। संसद का सत्र बुलाए जाने को लेकर कोई संसदीय कैलेंडर नहीं है, साल 1955 में बनी एक कमेटी ने प्रस्ताव दिया था, कि बजट सत्र 1 फरवरी से सात मई तक, मॉनसून सत्र 15 जुलाई से 15 सितंबर तक और शीतकालीन सत्र पांच नवंबर से आयोजित किया जाएगा।

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