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फरीदाबाद। स्मार्ट सिटी और एफएमडीए के तहत जिले में लगातार सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सरकार की तरफ से करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जा रहे है, लेकिन देखरेख और अधिकारियों की नाकामी की वजह से सुरक्षा व्यवस्था तार तार हो रही है। अब एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के लिए सीएम मनोहर लाल खट्टर ने 1009 कैमरा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव एफएमडीए का स्वीकार किया है। लेकिन जहां बात करें, वर्ष 2021 की तो स्मार्ट सिटी के तहत सरकार ने करोड़ों रुपये के 1500 कैमरे शहर में लगवाये थे, जिसमें से फिलहाल 1048 कैमरे ही चालू हालत में है। इसमें से 14 के डिवाईस चोरी हो गए थे, लेकिन उसके बाद उक्त स्थानों पर डिवाईस नहीं लगाए गए। ऐसे में कहा जा सकता है, कि यदि पुराने कैमरों के सामान को पूरा कर दिया जाता, तो शायद आज होने वाले क्राइम पर लगाम लग सकती थी।
यह की घोषणा: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शहर में लगभग 1009 कैमरा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जिसका संचालन (एफएमडीए) के द्वारा किया जाएगा। इस परियोजना के अंतर्गत 566 सीसीटीवी कैमरे, 48 स्पीड कैमरे, 100 बॉडी वियरेबल कैमरे, 260 ऑटोमेटिक नंबर-प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे और 25 रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन कैमरों की स्थापना की जाएगी।
खडे हुए सवाल: ऐसे में सवाल उठते है कि स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत शहर में जनवरी 2021 में 1500 कैमरे लगवाए गए थे। जिसमें से अब केवल 1048 कैमरे ही चालू है। लेकिन इनमें से बाइपास और एनआईटी इलाके में मौजूद 14 कैमरों के डिवाइज चोरी हो चुके थे।
पुलिस को सहयोग पूरा: स्मार्ट सिटी निगम के चीफ डाटा ऑफिसर भूपेश शर्मा से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि जनवरी 2021 से लेकर अब तक करीब एक लाख 90 हजार चालान काटे गए। इसमें तीन तरह के चालान ऑनलाइन लोगों को घर भेजे गए है, जिसमें हेलमेट न होना, रॉंग साइड एंट्री, सिंग्नल जंप करना शामिल है। उन्होंने बताया कि हर माह शहर में होनी वाली वारदातों के करीब 10 से 15 एविडेंस पुलिस को मामलों के खुलासे के लिए उन्हीं की तरफ से उपलब्ध करवाए जाते है। शहरवासियों की सुरक्षा को देखते हुए बेहतर कार्य किया जा रहा है।
उठाए मुद्दे: कांग्रेसी युवा नेता भारत अशोक अरोड़ा और आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नरेश शर्मा ने कहा कि सीएम ने घोषणा नए कैमरों की करके आगे दौड़, पीछे चौड़ वाला काम किया है। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने कैमरे पहले लगाए थे, तो अब उनकी देखभाल करती, तो शायद क्राइम न बढ़ता।
आम आदमी प्रदेश प्रवक्ता पार्टी नरेश शर्मा ने कहा कि स्मार्ट सिटी में कैमरे कहां है, यह तो आम जनता तक को पता नहीं है, चालान आता है, लेकिन कहां से आया, उस दफ्तर तक की सूचना पब्लिक को नहीं होती।
सामाजिक कार्यकर्ता भारत अरोड़ा ने कहा कि पैसे की बर्बादी पूरी तरह से फरीदाबाद में हो रही है, प्रशासन जहां रेडलाइट और कैमरे की आवश्यकता नहीं है, वहां लग रहे है। एफएमडीए के हैड सीएम है, तो भष्ट्रचार होता है, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी।