दानिश अली और रमेश बिधूडी का विवाद बढ़ता ही जा रहा है,अब इस विवाद में एक नया मोड़ आया है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की तरफ से कहा गया है कि बीएसपी सांसद दानिश अली ने बीजेपी के सांसद रमेश बिधूड़ी को भड़काया था,उन्होंने उकसाया और तभी रमेश बिधूड़ी ने अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का दावा है कि दानिश अली ने ‘नीच को नीच नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था। अब इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को खत लिखा है,उन्होंने उस वक्त चर्चा के दौरान विभिन्न सदस्यों द्वारा दिए गए बयानों की जांच करने के लिए एक जांच कमेटी बनाने की मांग की है।
इसके साथ ही निशिकांत दुबे ने इस खत में यह भी मांग की है कि हमारे संविधान के अनुच्छेद 105 का आश्रय लेते हुए अपनी टिप्पणियों के माध्यम से हमारे नागरिकों को भड़काने में संसद के विभिन्न सदस्य किस हद तक दोषी हैं।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को लिखे खत में कहा है कि रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली के खिलाफ कुछ बेहद आपत्तिजनक शब्द कहे जिसकी मैं एक जिम्मेदार प्रतिनिधि के तौर पर निंदा करना चाहता हूं।
इसके साथ उन्होंने यह भी लिखा कि दानिश अली ने माइक्रोफोन की उपलब्धता के बावजूद अपनी पूरी शक्ति खर्च करके हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक और निंदनीय टिप्पणी की थी,यदि सांसद रमेश बिधूडी ने अनुचित कार्य किया है तो मेरे विचार से दानिश अली समेत अन्य माननीय सदस्यों ने भी समुदायों के बीच शत्रुता फैलाने में योगदान दिया है।
गौरतलब है कि 21 सितंबर को नई संसद भवन में संसद के विशेष सत्र का चौथा दिन था, लोकसभा में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर चर्चा हो रही थी। स्पीकर की सीट पर उस वक्त केरल से कांग्रेस के सांसद सुरेश बैठे थे और तभी दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी चंद्रयान की सफलता पर बोल रहे थे।
करीब 107 सेकंड तक रमेश बिधूडी चंद्रयान की सफलता पर बोले फिर वे मर्यादा की भाषा से भटक गए, लोकतंत्र के मंदिर में वह बीएसपी सांसद दानिश अली के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने लगे और कहा यह जा रहा है कि रमेश बिधूडी ने एक मिनट तक लगातार दानिश अली को
11 गालियां दी थी।
हालांकि रमेश बिधूडी के इस बयान के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन के अंदर ही खेद प्रकट किया था। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की तरफ से रमेश बिधूडी को फटकार लगाई गई और दोबारा सदन में ऐसे व्यवहार पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी। तो वहीं भाजपा की तरफ से रमेश बिधूड़ी को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया और साथ ही 15 दिन में इसका जवाब भी मांगा गया है।
एक सांसद को उसके धर्म के आधार पर चिन्हित करके जो कुछ कहा गया है,उसके बाद राहुल गांधी ने बीएसपी सांसद दानिश अली से मुलाकात भी की।
आपको यह भी बता दे कि संविधान आर्टिकल 105 दो के तहत भारत की संसद में कही गई किसी भी बात के लिए कोई सांसद किसी कोर्ट के प्रति उत्तरदायी नहीं होता है यानी सदन में कही गई किसी भी बात को कोर्ट में चैलंज नहीं किया जा सकता है।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सांसदों को संसद में कुछ भी बोलने की छूट मिल जाए।
एक सांसद जो कुछ सदन में कहता है वह लोकसभा में प्रोसीजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस के रूल 380 के तहत स्पीकर के कंट्रोल में होता है, संसद में कोई सांसद और असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करता है तो उस पर स्पीकर एक्शन लेने का अधिकार रखता है। स्पीकर के पास अब तक दानिश अली के अलावा कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी के नेता शिकायत लेकर जा चुके हैं। अब फैसला स्पीकर करेंगे और बीजेपी ही करेगी।